पारा शिक्षकों के आंदोलन में एकजुटता बरक़रार, हेमंत सरकार की बढ़ी टेंशन ; सुरक्षा के हैं पुख्ते इंतजाम

News Aroma Media
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न्यूज़ अरोमा रांची: Para Teacher Jharkhand (पारा शिक्षक) राज्यभर के 65 हज़ार पारा शिक्षक सेवा स्थायीकरण, वेतनमान और नियामवली की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। इससे पहले भी राज्यभर के पारा शिक्षकों का जमावड़ा रांची में लग चुका है।

दूसरी तरफ पारा शिक्षकों के आंदोलन को लेकर सरकार ने सख्त आदेश जारी करते हुए स्कूलों से गैर हाजिर रहने पर ‘नो वर्क नो पे’ लागू कर दिया गया है।

बता दें की हजारों की संख्या में पारा शिक्षक रांची पहुंच रहे हैं वहीं विधानसभा के सामने पारा शिक्षकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

आंदोलन के उग्र होने का अंदेशा जताते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं, कई जिलों से आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए लोग रांची की तरफ जा रहे हैं।

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मगलवार को पारा शिक्षकों ने भी यहां जमकर नारेबाजी की और सरकार को 19 मार्च तक का समय देते हुए कहा कि सरकार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान और नियमावली को लेकर अंतिम निर्णय ले।

ऐसा नहीं करने पर राज्यभर के पारा शिक्षक उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे वहीं सरकार को उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों ने पांच दिवसीय आंदोलन की शुरुआत 15 मार्च से कर दी है।

आंदोलन के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य के कई जिलों के पारा शिक्षक विधानसभा के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान चतरा, गढ़वा, गोड्डा सहित अन्य जिलों के पारा शिक्षक पहुंचे हुए थे।

एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सदस्य संजय कुमार दुबे ने मंगलवार को बताया कि स्थायीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर पारा शिक्षक विगत कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।

इस दौरान सरकार के साथ संघ की कई बार वार्ता भी हुई। लेकिन हर बार आश्वासन ही मिलता रहा। इसी को लेकर पांच दिवसीय आंदोलन की शुरुआत 15 मार्च से की गई है।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि 21 मार्च तक का अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं होगा, तो आने वाले दिनों में संघ बैठक कर उग्र आंदोलन की रणनीति तय करेगा।

आंदोलन में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी

सरकार की ओर से आंदोलन में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी गयी है।

राज्य के शिक्षा परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर कहा है कि कोरोना संकट के कारण लंबी अवधि के बाद स्कूल खुलें हैं, तब पढ़ाई सुनिश्चित करने के बजाए आंदोलन करना उचित प्रतीत नहीं होता।

इन दिन यहां होगा घेराव

विधानसभा घेराव के लिए पारा शिक्षकों ने चरणबद्ध कार्यक्रम तहत आज 16 मार्च को चतरा, सिमडेगा, गढ़वा, गोड्डा और चाईबासा के शिक्षक घेराव कार्यक्रम में शामिल हुए। 17 मार्च को हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़, रांची और खूंटी के पारा शिक्षक विधानसभा का घेराव करने रांची आएंगे।

18 मार्च को पलामू, धनबाद, कोडरमा, सरायकेला और 19 मार्च को गुमला, दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज तथा बोकारो के पारा शिक्षक रांची पहुंचेंगे।

इस बीच पारा शिक्षकों के आंदोलन के मद्देनजर विधानसभा के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

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