रांची: सरकार ने डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों को एक महीने का अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दिए जाने का आदेश दे दिया है। अब कोविड कार्यों में लगे शिक्षकों को भी सरकार एक माह का अतिरिक्त वेतन दे सकती है।
शिक्षा विभाग इस पर विचार कर रहा है। विभाग ने राज्य के सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों की सूची मंगाने की योजना बनाई है, जो कोविड कार्यों में लगे हुए हैं।
एक अनुमान के मुताबिक लगभग 25 हजार प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षकों समेत पारा शिक्षकों को कोविड सेंटर, वैक्सीनेशन सेंटर, जिलों के चेकनाका या अस्पतालों में तैनात किया गया है।
बता दें कि पारा शिक्षक और प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के वेतनमान वाले शिक्षकों ने स्वास्थ्य कर्मियों की तर्ज पर शिक्षकों को भी एक महीने का अतिरिक्त वेतन और राशि देने की सरकार से मांग की है।
उन्होंने कहा है कि सरकार ऐसा नहीं करती है तो कार्य बहिष्कार करने का भी शिक्षकों ने अल्टीमेटम दिया है।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा और अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार से स्पष्ट कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड सेंटर समेत वैक्सीनेशन सेंटर पर ड्यूटी पर लगाया गया है।
उन्हें जब एक महीने की अतिरिक्त राशि दी जा रही है तो इन जगहों पर शिक्षकों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है।
ऐसे में उन्हें भी एक महीने की प्रोत्साहन राशि दी जाए। साथ ही शिक्षकों का 50 लाख का बीमा कराया जाए।
अतिरिक्त वेतन देने पर हो रहा विचार
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने कहा कि कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने पर विचार हो रहा है।
विभाग की सहानुभूति ऐसे शिक्षकों के साथ है। हम ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कराएंगे, फिर उनके बारे में निर्णय लिया जाएगा।
50 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को कोविड ड्यूटी पर नहीं लगाया जाये
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।
इसमें एक माह का अतिरिक्त वेतन देने, 50 साल से अधिक के शिक्षकों को कोविड ड्यूटी पर नहीं लगाने और कोरोना ड्यूटी में लगे शिक्षकों का 50 लाख रुपए का बीमा कराने का आग्रह किया गया है।
संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने कहा कि पारा मेडिकल कर्मियों की तरह शिक्षक भी जान हथेली पर लेकर कोविड कार्य में लगे हुए हैं, इसलिए सरकार इन पर ध्यान दे।