RANCHI/रांची: Para Teacher Jharkhand राज्य के 65000 पारा शिक्षक 15 से 19 तारीख तक झारखंड विधानसभा का घेराव करेंगे। मोर्चा की हर एक तैयरी पर सरकार की नज़र बनाये हुई है।
इधर पारा शिक्षकों ने भी मन बना लिया है की अब आर हो या पार, हाथ पर हाथ धरे बैठे नही रह सकते हैं।
पारा शिक्षक सभी जिले में मीटिंग कर रहे हैं, बताया जा रहा है की हजारों की संख्या में भीड़ विधानसभा का घेराव करेगी। उनका कहना है कि रघुवर सरकार के समय जो आंदोलन हुआ था उससे भी बड़ा आंदोलन होने जा रहा है।
पारा शिक्षकों में इस कदर नाराज़गी है की उन्हें रोक पाना अब सरकार के लिए नामुमकिन हो रहा है।
वे कहते हैं दुःख और तकलीफों को इतना बर्दाश्त कर चुके हैं हम सभी पारा शिक्षक के अब हमारे मन और मस्तिष्क से डर और भय नाम की चीज़ मिट गई है।
जिसका नतीजा है की कल इतने बड़े आंदोलन की शुरुआत होने जा रही है। इसो को लेकर अब एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से विधानसभा घेराव की तैयारी लगभग पूरी कर ली है।
शिक्षा विभाग ने स्कूल में पारा शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का फरमान जारी किया है। ताकि पारा शिक्षक विधानसभा घेराव में शामिल नहीं हो सकें।
बताया गया है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र की प्रति राज्य परियोजना कार्यालय को मिली है।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने अपने पत्र में लिखा है कि 14 मार्च तक स्थायीकरण, वेतनमान और वर्तमान समस्याओं का समाधान नहीं होने की स्थिति में जिलावार 15 से 19 मार्च तक विधानसभा घेराव किया जाएगा।
15 मार्च को गिरिडीह, रामगढ़, देवघर, लोहरदगा एवं पूर्वी सिंहभूम, 16 को चतरा, गढ़वा, सिमडेगा, गोड्डा एवं पश्चिम सिंहभूम, 17 को हजारीबाग, लातेहार, पाकुड़, रांची और खूंटी, 18 मार्च को पलामू, धनबाद, कोडरमा और सरायकेला-खरसावां और 19 मार्च को गुमला, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज और बोकारो के पारा शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे।
राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया है। इसमें कहा गया है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा का मुख्यमंत्री को सबोधित पत्र की प्रति राज्य परियोजना कार्यालय को प्राप्त है।
मोर्चा ने अपने पत्र में अंकित किया है कि स्थायीकरण, वेतनमान एवं वर्तमान समस्याओं का समाधान नहीं होने पर 15 से 19 मार्च तक विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
राज्य परियोजना निदेशक ने लिखा है कि एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की अधिकांश मांग पर कार्रवाई की गई है। बार-बार धरना प्रदर्शन से बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है।
वैश्विक महामारी के कारण लंबे समय बाद विद्यालय खुले हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के स्थान पर धरना प्रदर्शन उचित प्रतीत नहीं होता है। लेकिन, पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के उपरोक्त घेराव कार्यक्रम को देखते हुए निदेशक विद्यालय में पारा शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
इस अवधि में सिर्फ अति विशेष परिस्थिति यथा गंभीर बीमारी, अस्वस्थता की स्थिति में सक्षम प्राधिकार की ओर से मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। इसकी सूचना नाम के साथ जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को अनिवार्य रूप से देना होगा।
ये दिए हैं निर्देश
पारा शिक्षकों के धरना प्रदर्शन के लिए विद्यालय से अनुपस्थिति को अनाधिकृत अनुपस्थिति माना जाएगा और यह नो वर्क, नो पे की श्रेणी में आएगा।
उक्त अवधि में सिर्फ अति विशेष परिस्थिति जैसी गंभीर बीमारी, अस्वस्थ रहने की स्थिति में सक्षम प्राधिकार द्वारा मेडिकल प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकत किया जा सकेगा।
विशेष रूप से पारा शिक्षकों के घेराव कार्यक्रम के समय विद्यालय में पारा शिक्षकों की उपस्थिति का सघन अनुसरण किया जाए और समुचित रूप से हर दिन तीन बजे तक उपस्थिति विवरण राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए, पारा शिक्षकों की अनुपस्थिति में विद्यालय बंद ना हो यह सुनिश्चित किया जाए, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और बिना सूचना, बिना सक्षम प्राधिकार के स्वीकृति से विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस आदेश को तुगलकी फरमान कहा है। माेर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि पारा शिक्षक बिना डरे जिलावार शेड्यूल के अनुसार घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे। जब तक हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती तो आंदोलन करते रहेंगे।