मेदिनीनगर: राज्य सरकार (State government) भी प्रदेश में अपने ही कर्मचारियों के साथ दो तरह का व्यवहार कर रही है। ऐसे में कर्मचारियों में भी रोष व्याप्त होता जा रहा है।
इसी के मद्देनजर एकीकृत पारा शिक्षक (Para Teachers) संघर्ष मोर्चा ने बैठक कर आंदोलन का निर्णय लिया है। शिक्षकों ने अपना मानदेय भुगतान (Honorarium payment) नहीं होने पर सरकार के खिलाफ इस तरह का कदम उठाने का फैसला लिया है।
BRC सूदना में बैठक हुई जिसमें इस बात की चर्चा की गई कि सर्टिफिकेट जांच (Certificate check) के नाम पर जुलाई व अगस्त के रोके गए मानदेय का भुगतान अगर एक सप्ताह के अंदर नहीं होता है तब 21 सितंबर को झारखंड परियोजना के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
वेतनमान के समान मानदेय देने की मांग
ऋषि कांत तिवारी की अध्यक्षता व संजय कुमार के संचालन में हुई बैठक में मांग की गई कि सरकार से वेतनमान के समतुल्य मानदेय पर समझौता के अनुसार शिक्षा विभाग (Education Department) अविलंब बैठक करें।
नियम संशोधन करते हुए अनुकंपा के प्रावधान को शिथिल किया जाए। EPF की सुविधा से जोड़ा जाए।
अप्रशिक्षित से प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित का लंबित अंतर मानदेय का भुगतान अविलंब किया जाए। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि DEO से निवेदन किया जाए कि जितने भी छोटे मुद्दे के कारण पेमेंट को रोका गया है वे अपने स्तर से कार्रवाई कर खत्म करें।
बता दें कि वेतनमान (Pay scale) के समान मानदेय देने के लिए ये शिक्षक लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन न तो सरकार और न ही विभाग इस पर ध्यान दे रहा है।