झारखंड में यहां पारा शिक्षकों ने बदला आंदोलन का फैसला, नहीं करेंगे आंदोलन ; क्लिक कर जानें वजह

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धनबाद: जिले में पारा शिक्षकों ने शनिवार को हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बैठक की, जिसमें काफी संख्या में पारा शिक्षक शामिल हुए।

इस दौरान उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात करने की बात कही।

पारा शिक्षकों ने ये बैठक गोल्फ ग्राउंड में शनिवार को की, जिसमें पारा शिक्षकों ने हेमंत सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाया।

इसके साथ ही झारखंड सरकार से मांग की के वो बिहार की तर्ज पर आंकलन आधारित परीक्षा लेकर नियमावली के तहत पर शिक्षकों के स्थाईकरण की मांग को पूरी करें।

सूबे के 65 हजार पारा शिक्षकों को स्थाई किया जाए।

इसी संबंध में पारा शिक्षकों ने बैठक कर अपनी बातों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की रणनीति बनाई।

इसके साथ ही पारा शिक्षकों ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी मांगों को पर गंभीरतापूर्वक लेंगे और उनकी मांग पूरा भी करेंगे।

बता दें की झारखंड के पारा शिक्षकों ने वादा याद दिलाओ प्रदर्शन कार्यक्रम को सफल करने की तैयारी को लेकर के आज 9 जनवरी को पारा शिक्षक संघ का जिला स्तरीय बैठक बुलाई गई थी।

जिसमें 10 जनवरी को सत्ता पक्ष के सभी विधायकों के आवास का घेराव, 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास का घेराव करने की बात कही गई थी।

पारा शिक्षकों ने ये भी कहा था कि इसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो राज्य के 65000 पारा शिक्षक बाध्य होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव 10 फरवरी को करेंगे।

लेकिन आज की बठक में पारा शिक्षकों ने अभी फिलहाल आंदोलन की कोई रणनीति तैयार नहीं की है।

उन्होंने कहा पारा शिक्षकों ने कहा कि इसी विश्वास के साथ वह लोग बैठक कर रहे हैं की सरकार उनकी मांग को मान लेगी और उन्हें कोई आन्दोलन करने की ज़रुरत नही पड़ेगी।

लेकिन अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो आगे आंदोलन पर भी विचार किया जाएगा और जिसकी ज़िम्मेदार और जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।