न्यूज़ अरोमा रांची: लंबे समय से स्थायीकरण व वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर पारा शिक्षकों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
सरकार के आश्वासनों से अब पारा शिक्षक ऊब चुके हैं। ऐसे में अब पारा शिक्षक आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।
आंदोलन की रणनीति बनाने व सरकार के समक्ष अपनी आवाज बुलंद करने को लेकर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई की बैठक 27 दिसंबर को राजधानी रांची में बुलाई गई है।
प्रभात तारा मैदान, धुर्वा रांची कैंपस में आयोजित इस बैठक में राज्य इकाई के सदस्य, सभी जिलाध्यक्ष एवं जिलासचिवों की मौजूदगी में आंदोलन को धार देने की रणनीति बनेगी।
बैठक दिन के 11 से 3 बजे तक होगी।
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इस संबंध में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा राज्य इकाई के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, नरोत्तम सिंह मुंडा, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू) ने तमाम सदस्यों व पारा शिक्षकों से बैठक में शािमल होने का आह्वान किया है, ताकि पारा शिक्षकों को इंसाफ दिलाने की आवाज बुलंद की जा सके।
क्या है पारा शिक्षकों की मांगें
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई का कहना है कि बड़ी संख्या में पारा शिक्षक स्थायीकरण एवं वेतनमान, अप्रशिक्षित एवं एनसी अंकित/क्लियर साथियों के बकाए मानदेय का भुगतान, छतरपुर एवं नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों के बकाए एवं नियमित मानदेय का भुगतान, पश्चिमी सिंहभूम जिले के 69 पारा शिक्षकों सहित राज्य के सभी जिलों के कुछेक पारा शिक्षकों के पूर्व वित्तिय वर्ष के लंबित मानदेय का भुगतान, राज्य इकाई के कोष के सशक्तिकरण के संबंध में, टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को टेट पास का मानदेय भुगतान मुख्य मांगें हैं।
लंबे समय से केवल आश्वासन मिल रहा है, कार्रवाई कुछ नहीं हो रही है। ऐसे में अब रणनीति के तहत आंदोलन उग्र करने की तैयारी है।
पारा शिक्षकों ने कुछ दिन पहले की थी मुख्यमंत्री से मुलाक़ात
इधर पारा शिक्षकों ने कुछ दिन पहले पतना ब्लॉक में मुख्यमंत्री से मुलाक़ात कर मांगपत्र भी सौंपा था।
इस दौरान सीएम से डेलीगेशन ने कहा था कि हम सभी पारा शिक्षक आप पर पूरा विश्वास करते हैं लेकिन हमें इसी बात का डर सता रहा है कि अगर इस अवधि में हमारी समस्या का हल नहीं निकला तो हमलोग पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
इस पर सीएम ने कहा-मुझपर भरोसा रखिए। हम प्रयास कर रहे हैं, सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार ने पारा शिक्षकों के मैटर को उलझाकर बहुत सारी परेशानियां पैदा कर दी है। मुझे इसे लाइनअप करने में समय लग रहा है।
इस पर प्रखंड अध्यक्ष जयराज भारद्वाज ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत अब हम लोगों के पास मार्च 2022 तक ही समय बचा है।
इस बीच हमारी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो भविष्य समाप्त हो जाएगा।
हम सभी पारा शिक्षक आप पर पूरा विश्वास करते हैं, लेकिन हमें इसी बात का डर सता रहा है कि अगर इस अवधि में हमारी समस्या का हल नहीं निकला तो हमलोग पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
उसी समय दौरान जयराम भारद्वाज ने सभी पारा टीचर्स से मिलकर संघर्ष करने का आह्वान किया।
वहीं, उपाध्यक्ष प्रेमलता हांसदा और बेंजामिन बेसरा ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप अगर हमारी समस्या का समाधान नहीं करेंगे तो कौन करेगा।
कहा- केवल 65000 पारा शिक्षकों के कल्याण की बात करें तो मुख्यमंत्री को कोई भी निर्णय लेने के बाध्य किया जा सकता है, लेकिन अगर अलग-अलग होकर लड़े तो भविष्य अंधकार होने से कोई नहीं रोक सकता है।
इस दौरान पतना प्रखंड के सैकड़ों पारा शिक्षक दिनभर डटे रहे और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ही वापस लौटे थे।