रांची: झारखंड के पारा शिक्षक अपने रिटायरमेंट पर एकमुश्त 5 लाख रुपए कल्याण कोष से देने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, राज्य सरकार मैक्सीमम तीन लाख रुपए देने काे तैयार हो चुकी है।
इतना ही नहीं, पारा शिक्षकों ने सेवा के दौरान आकस्मिक निधन पर आश्रितों को मिलनेवाले पांच लाख रुपये में हर साल दस परसेंट की बढ़ोतरी की भी मांग की है।
इस संबंध में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने शिक्षा सचिव राहुल शर्मा तथा राज्य परियोजना निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया के नाम ज्ञापन भी भेजा है। बता दें कि पारा शिक्षकों के मामले में 22 फरवरी को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होनी है।
क्या है सरकार का प्रस्ताव
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने कल्याण कोष से पारा शिक्षकों को सेवा अवधि के आधार पर पांच साल की सेवा पर 75 हजार, 10 साल की सेवा पर डेढ़ लाख तथा 10 वर्ष से अधिक की सेवा पर तीन लाख रुपये सेवानिवृत्ति लाभ देने का प्रस्ताव तैयार किया है।
गंभीर बीमारी, बच्चों की पढ़ाई व शादी में क्या है डिमांड
पारा शिक्षकों ने गंभीर बीमारी की स्थिति में इलाज में खर्च होनेवाली कुल राशि देेने की भी मांग की है।
हालांकि परिषद द्वारा तैयार प्रस्ताव में गंभीर बीमारी के इलाज के लिए एक लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया है।
पारा शिक्षकों ने बेटे-बेटियों की उच्च शिक्षा तथा बेटियों की शादी के लिए मिलनेवाली ऋण की राशि को भी तीन लाख रुपये करने की मांग की है।
इधर, राज्य परियोजना कार्यालय ने उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम दो लाख तथा शादी के लिए डेढ़ लाख रुपये ब्याज रहित लोन का प्रस्ताव तैयार किया है।
पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार द्वारा कल्याण कोष में दिए जानेवाले 10 करोड़ रुपये को फिक्स नहीं कर लिक्विड मोड में बैंक में रखने की भी मांग की है ताकि उसे जरूरत के अनुसार पारा शिक्षकों को मिलनेवाली इन सुविधाओं पर खर्च किया जा सके।
सीएम के साथ बैठक में शामिल हों मोर्चा के 8 राज्य स्तरीय सदस्य
वहीं, पारा शिक्षकों ने 22 फरवरी को होनेवाली बैठक में मोर्चा के सभी आठ राज्य स्तरीय सदस्यों को शामिल करने करने की भी मांग की है। फिलहाल इस बैठक में सदस्य के रूप में मोर्चा के अध्यक्ष व सचिव को ही बुलाया गया है।
बता दें कि कल्याण कोष का लाभ बीआरपी, सीआरपी के अलावा कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा कर्मियों को भी मिलेगा।