न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड के पारा शिक्षकों की हालत ठीक नहीं है। पिछले 19 महीने से मानदेय नहीं मिलने के कारण इनके परिवार के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गई है।
ऐसे में रविवार को राज्य के अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों ने भीक्षाटन किया। इसके तहत डाल्टनगंज की दुकानों से भीख मांगी।
इस बीच पारा शिक्षकों के हालात पर दुकानदारों ने भी चिंता जताई और सरकार से मानदेय भुगतान नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई।
वहीं, दुकानदारों ने पारा शिक्षकों के साथ होने की बात कही।
कहा कि सरकार को न्याय करना चाहिए और आप लोग स्कूल में पढ़ा रहे हैं, यह बात सच है। आप लोगों के साथ हम लोग सारे व्यवसायी और समाज के लोग जुड़े हुए हैं।
जमा पैसे भी खा चुके
बता दें कि झारखंड राज्य के अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 19 माह से मानदेय नहीं मिला है।
वहीं, सरकार के पत्र निकले भी 2 माह हो गए। इसके बावजूद इनके पेमेंट के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
ऐसे में दिन प्रतिदिन पारा शिक्षक मरते जा रहे हैं। अब तो इन्हें कोई कर्ज भी नहीं दे रहा है। वहीं, पहले से जमा पैसे भी खा चुके हैं।
सीएम ने जगाई थी उम्मीद
झारखंड प्रदेश के अप्रशिक्षित पारा शिक्षक के संयोजक ऋषिकांत तिवारी ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बहुत आशा और विश्वास है।
मैंने उनसे मुलाकात की। इस संबंध में और उनके माध्यम से यह कहा भी गया था कि एक भी अप्रशिक्षित पारा शिक्षक नहीं हटेगा।
उनके आदेश के बाद ही एक पत्र निकला था और आज तक पदाधिकारी द्वारा हम लोगों को बोला जाता था कि सारे जिलाें से सूची आने के बाद आप लोगों का पेमेंट होगा, परंतु एकाएक क्या ऐसा हो गया कि ये लोग कह रहे हैं कि अभी पेमेंट नहीं मिल पाएगा, ये तो अन्याय है।
कोर्ट व सरकार के आदेश पर अमल नहीं
जब कोर्ट और सरकार द्वारा यथावत रखने के लिए पत्र निकाला गया है और पारा शिक्षकों से काम लिया जा रहा है तो हम
लोगों का पेमेंट किया जाना चाहिए। यह पत्र क्यों निकाला गया था, मैं यही बात पूछना चाहता हूं।
इसलिए सरकार और पदाधिकारी दोनों को जवाब देने की जरूरत है।
इस कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी, राज्य कार्यकारिणी सदस्य मिथिलेश उपाध्याय, प्रमोद पाठक, मुरलीधर पाठक, अशोक राम, अशोक पांडे समेत तमाम पारा शिक्षक मौजूद थे।