रांची: मंगलवार को हाल ही में गठित सहायक अध्यापक नियुक्ति नियमावली की प्रतियां जलाकर (Jharkhand Para Teacher Protest) टेट सफल सहायक अध्यापक संघ के आह्वान पर टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) ने विरोध किया।
यह विरोध प्रदर्शन पूरे राज्य में आयाेजित किया गया। बता दें टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षक (Tet Passed Para Teacher) परीक्षा लेने की जगह सीधे समायोजन की मांग कर रहे हैं।
TET सफल सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार और महासचिव मोहन मंडल ने कहा कि यह नियमावली राज्य सरकार द्वारा जबरन थोपा जा रहा है।
पहले कई मर्तबा शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो से वार्ता में टेट सफल सहायक अध्यापकों (TET Successful Assistant Teachers) को समायोजित कर वेतनमान देने पर सहमति बनी थी लेकिन अब शिक्षा मंत्री उस वार्ता से मुकर रहे हैं। अब नई नियुक्ति नियमावली के तहत विज्ञापन निकालने की बात कर रहे हैं।
मोराबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर लगाएंगे न्याय की गुहार
उनके अनुसार,Solicitor General (महाधिवक्ता) भी टेट सफल पारा शिक्षकों को समायोजित कर वेतनमान की अनुशंसा कर चुके हैं।
इसके बावजूद टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान से वंचित कर नियुक्ति नियमावली के तहत एक और परीक्षा देने पर मजबूर किया जा रहा है।
इधर, टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों ने 13 नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों (District Headquarters) में महागठबंधन के पार्टी कार्यालयों पर धरना देने का निर्णय लिया है।
इसके बावजूद भी उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने पर पारा शिक्षक 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल होकर सरकार से न्याय की गुहार लगाएंगे।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को ज्ञापन सौंपा
उधर, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस से प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teachers) की चार सूत्री मांगों पर संज्ञान लेने तथा उन पर विचार करने के लिए सरकार पर दबाव डालने की मांग की है।
इसे लेकर प्राथमिक शिक्षकों ने मंगलवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। प्राथमिक शिक्षकों ने प्रदेश अध्यक्ष को शिक्षकों के चल रहे आंदोलन तथा 19 नवंबर को प्रस्तावित सीएम घेराव कार्यक्रम की भी जानकारी दी।
राजेश ठाकुर ने शिक्षकों की बातों को सुनने के बाद कहा कि वे शिक्षकों की मांगों से सहमत हैं तथा वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से इनपर बात कर समाधान का प्रयास करेंगे।
राज्य सरकार शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है
इससे पहले शिक्षक संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर तथा मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को बताया कि राज्य सरकार शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है।
अन्य कर्मियों को देय सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना से शिक्षकों को वंचित करते हुए बिना इसके लाभ के ही सेवानिवृत होने को बाध्य किया जा रहा है।
साथ ही छठे वेतनमान में जनवरी 2006 से उत्क्रमित वेतनमान लागू (Reverse Pay Scale Applicable) करने में शिक्षकों के न्यूनतम आरंभिक वेतन निर्धारण की विसंगति के निराकरण की अनदेखी की जा रही है जबकि इसी तरह के मामले में सचिवालय कर्मियों की समस्या का निराकरण कर दिया गया।
शिक्षकों को उनके गृह जिला में स्थानांतरित करने का अवसर देने संबंधित स्पष्ट नियमावली अब तक नहीं बनाई गई। शिक्षकों से अध्यापन कार्य की बजाय लिपिकीय कार्य (Clerical Work) करने को मजबूर किया जा रहा है।
ज्ञापन सौंपनेवालों में संतोष कुमार, संजय साहू, अजय कुमार सिंह, राकेश कुमार, अजय ज्ञानी, सलीम सहाय कृष्ण शर्मा, राजेश कुमार सिन्हा, श्रीप्रकाश उपाध्याय, सुरंजन कुमार, राम कुमार, जितेंद्र कुमार, अनूप मिश्रा एवं अन्य शिक्षक भी शामिल थे।