न्यूज़ अरोमा रांची: पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका। ऐसे में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक रांची के प्रभात तारा मैदान में की गई।
बैठक में आंदोलन की तैयारी के लिए 3 जनवरी 2021 को सभी 264 प्रखंड कमेटी एवं 10 जनवरी को सभी 24 जिला कमेटी की बैठक करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही पारा शिक्षक अब आर पार के मूड में हैं।
उन्होंने कहा है की अब वो किसी भी तरह से नही डरने वाले और न ही पीछे हटने वाले हैं। उनका कहना है की अब चाहे गुली चले या लाठी अपना हक तो वो लेकर ही रहेंगे।
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उनका कहना है अब इससे अधिक हम लोगों के साथ क्या बुरा हो सकता है। हम भूख प्यास के दर्द को उस हद तक एहसास कर चुके हैं की अब हमारे अंदर से सभी तरह का डर निकल गया है।
हमनें अपने कई साथियों को भी खो दिया इसी आंदोलन से लेकर अब तक पारा शिक्षक परेशानी और मुसीबतों का सामना ही करते आए हैं।
लेकिन अब नहीं। ..अब बस हमें आश्वासन नही अपना हक चाहिए और सरकार को हमें हमारी मांगों को पूरा करना ही होगा।
ये होगा राज्यव्यापी आंदोलन
1. 17 जनवरी को सत्ता पक्ष के विधायकों के आवास,
2. 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास एवं
3. 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष होगा “वादा पूरा करो प्रदर्शन”
जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के वायरल ऑडियो पर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
मीटिंग में अप्रशिक्षित/एनसी अंकित पारा शिक्षकों के 19 माह से बकाए मानदेय का भुगतान, पश्चिमी सिंहभूम के 69 सहित विभिन्न जिलों के विगत वित्तीय वर्ष के बकाए मानदेय भुगतान, छतरपुर एवं नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के बकाए मानदेय भुगतान एवं टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के विसंगति मानदेय का भुगतान को लेकर आन्दोलन तेज करने का निर्णय लिया गया है।
एकीकृत मोर्चा के राज्य इकाई के चुनाव का निर्णय भी लिया गया है। जिसके लिए 21 सदस्यीय चुनाव संचालन समिति का गठन किया गया।
बैठक में राज्य इकाई के सदस्यगण, सभी जिलाध्यक्ष एवं जिला सचिव उपस्थित थे।बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, नरोत्तम सिंह मुंडा, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह मौजूद थे।
बता दें कि पारा शिक्षक अपनी मांगो को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं।
लेकिन अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा उनकी मांगो पर सार्थक पहल करते हुए उनकी समस्याओं को दूर नही किया गया है।झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के द्वारा पारा शिक्षकों की समस्याओं को लेकर सार्थक पहल की जा रही थी।
लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण उनका इलाज चेन्नई के हॉस्पिटल में किया जा रहा है। तीन जनवरी को झारखंड में आने की उम्मीद है।
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इरफान अंसारी के बयान से पारा शिक्षकों में नाराज़गी
इधर इरफान अंसारी के बयान से पारा शिक्षकों में काफी नाराज़गी है। एक ऑडियो वायरल में इरफान अंसारी ने पारा शिक्षक को कहा कि होश में हो ना। पारा टीचर को 50 हजार मिलेगा।
एमबीबीएस डॉक्टर को 30 हजार मिलता है और पारा टीचर को 50 हजार। आपको भाजपा मार रही थी।
गोली मार रही थी तब हमने कहा था। दर्द बांटने के लिए कहा था। इसका मतलब मिल जाएगा क्या।
हम मुख्यमंत्री हैं कि वादा किये। रघुवर दास जब मार रहा था। गोली चला रहा था तब कहे थे। ऐसे करोगे तो कैसे होगा। हम मदद नहीं कर पाएंगे।
यह कहना है राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह जामतारा विधायक डॉ इरफान अंसारी का।
पलामू के एक पारा टीचर ने जब उनसे फोन कर अपने वादे के अनुसार पारा टीचर्स को वेतमान दिलाने का आग्रह किया तो नेताजी का रिएक्शन कुछ इसी अंदाज में रहा।
इससे राज्य भर के पारा टीचर्स में आक्रोश है। इन सभी को लेकर आज की बैठक में पारा शिक्षकों में नाराज़गी दिखी।
पारा शिक्षकों को कोरे आश्वासन का घूंट पिला रही
राज्य सरकार एक वर्ष पूरा करने जा रही है। इसके बावजूद पारा शिक्षकों का स्थायीकरण कर वेतनमान देने का वायदा पूरा नहीं हुआ।
वहीं सरकार राज्य के पारा शिक्षकों को कोरे आश्वासन का घूंट पिला रही है। नियमावली अभी तक लागु नही हुई है। दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं।
पारा शिक्षकों का अखाना है कि यदि सरकार नियमावली को पारित कर पारा शिक्षकों के भविष्य सुरक्षित नहीं करती है तो राज्य भर में उग्र आंदोलन होगा। जिसकी ज़िम्मेदार राज्य सरकार होगी।