न्यूज़ अरोमा रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में रविवार को बैठक का आयोजन हुआ था।
पारा शिक्षकों ने कहा कि जेएमएम ने तीन महीने के अंदर स्थाईकरण और वेतनमान देने का वादा किया था, पर सरकार के एक साल पूरे होने पर भी उनके संबंध में काेई फैसला नहीं लिया गया।
कल सरकार के एक साल पूरे होने पर रांची के मोरहाबादी मैदान में कई कार्यक्रम होने वाले हैं।
ऐसे में पारा शिक्षकों को उम्मीद है की कल के दिन मुख्यमंत्री अपना वादा पूरा करेंगे। पारा शिक्षकों ने ये चिट्ठी सरकार के एक वर्ष पूर्व होने से कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले लिखी है।
अब ये चिठ्ठी कितना असरदार होती है इसका पता तो कल ही चलेगा जब सरकार कल कई तरह की योजना और आपने किये कई वादों को पूरा करेगी।
बैठक के दूसरे दिन सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र लिखा गया है। पत्र में पारा शिक्षकों ने पूर्व में की गई मांगों पर मुख्मंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान फिर से आकर्षित कराया है।
पारा शिक्षकों ने पत्र में लिखा है कि 65000 पारा शिक्षक विगत 17 से 18 वर्षों से अपने सेवा के स्थायीकरण एवं वेतनमान के निमित्त आंदोलनरत रहे हैं।
पूर्व की सरकारों ने आश्वासन के सिवा पारा शिक्षकों को कुछ नहीं दिया। आपके नेतृत्व में 1 वर्ष पूर्व बनी सरकार से राज्य के पारा शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं।
चुनाव पूर्व प्रत्येक सभा में आपके द्वारा यह कहा गया कि हमारी सरकार बनने के 3 माह के अंदर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई होगी व वेतनमान भी मिलेगा। साथ ही यह भी कहा गया कि पारा शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी।
1 वर्ष बीत गए हैं परंतु पारा शिक्षकों की समस्या उसी तरह बनी हुई है। दिन प्रतिदिन पारा शिक्षकों की मृत्यु हो रही है और कोई ना कोई पारा शिक्षक बिना किसी लाभ के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में पारा शिक्षकों में आक्रोश है।
पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान की नियमावली घोषित नहीं हुई तो
पारा शिक्षकों ने कहा कि अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों के 19 माह से मानदेय का भुगतान लंबित है। छतरपुर और नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों का मानदेय बकाया है।
पारा शिक्षकों का सब्र एक बार फिर टूटने लगा है। स्थायीकरण और वेतनमान देने की उनकी मांग अब भी पूरी नहीं हुई है।
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई ने रविवार को प्रभात तारा मैदान में बैठक कर निर्णय लिया कि अगर 29 दिसंबर को पारा शिक्षकों के स्थायीकरण और वेतनमान की नियमावली घोषित नहीं हुई, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे।
पारा शिक्षकों ने कहा कि जेएमएम ने तीन महीने के अंदर स्थाईकरण और वेतनमान देने का वादा किया था, पर सरकार के एक साल पूरे होने पर भी उनके संबंध में काेई फैसला नहीं लिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 17 जनवरी को सत्ता पक्ष के विधायकों का आवास और 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास का घेराव होगा। 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष होगा “वादा पूरा करो प्रदर्शन” किया जाएगा।
मंत्री बादल पत्रलेख से पारा शिक्षक संघ ने की मुलाक़ात
बात दें कि शनिवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघ कोडरमा का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष रविकांत तिवारी के नेतृत्व में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से बागीटांड स्थित गेस्ट हाउस में मुलाक़ात की थी।
माननीय मंत्री महोदय को शिक्षको के प्रतिनिधिमंडल ने उपहार स्वरुप गीता भेट किया, साथ ही साथ अपनी मांगों से सम्बंधित एक मांग पत्र भी सौंपा।
मांगपत्र मूल रूप से अपनी चिर प्रतीक्षित मांग झारखण्ड के सभी पारा शिक्षकों के लिए वेतनमान से सम्बंधित नियमावली को यथाशीघ्र लागू करने को लेकर दिया था। मंत्री द्वारा उपरोक्त विषय पर पहल करने की बात भी कही थी।
पारा शिक्षकों ने चिट्ठी में की सरकार से ये मांग
1. पारा शिक्षकों ने अपनी मांग में कहा है कि सूबे के सभी 65000 पारा शिक्षकों के स्थायीकरण व वेतनमान के निमित्त प्रस्तावित नियमावली 9 जून 2020 को हुई उच्च स्तरीय बैठक में हुए समझौते के अनुसार व एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर लागू हो।
2. अप्रशिक्षित व एनसी अंकित पारा शिक्षकों की विगत 19 माह से रोकने के मानदेय का भुगतान किया जाए।
3. पलामू के छतरपुर बाजार एवं नौवाडीह बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के विगत वित्तीय वर्ष एवं अक्टूबर 2020 से रोके गए मानदेय का भुगतान किया जाए।
4. पूर्वी सिंहभूम जिले के 69 सहित विभिन्न जिले के हजारों पारा शिक्षकों के विगत वित्तीय वर्ष के कतिपय कारण यथा बायोमेट्रिक उपस्थिति, शुन्य उपस्थिति, विभागीय कार्यवाही आदि का बकाया मानदेय भुगतान किया जाए।
5. टेट विसंगति का वर्द्धित मानदेय भुगतान किया जाए (1 से 5 में चयनित 6 से 8 में उत्तीर्ण तथा 6 से 8 में चयनित व 1 से 5 में उत्तीर्ण)
6. गत आंदोलन के समय पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राज्य राज्य के विभिन्न थानों में पारा शिक्षकों पर दर्ज मुकदमे को वापस लिया जाए।
7. 29 दिसंबर 2020 को सरकार के 1 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पारा शिक्षकों को अस्थाई करण व वेतनमान की नियमावली लागू होने की घोषणा की जाए। साथ ही विभिन्न उपरोक्त वर्णित समस्याओं का निदान कराया जाए।
8. 20 दिसंबर को पारा शिक्षकों की मांग पूरी नहीं की गई तो संगठन निर्णय अनुसार विधायक आवास, मंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवास से समक्ष “वादा पूरा करो” प्रदर्शन।