झारखंड के इस स्कूल में एक सप्ताह से बच्चों को पढ़ने नहीं भेज रहे अभिभावक, जानिए कारण…

यह संयोग है कि स्कूल के एक शिक्षक बाबुधन मुर्मू की मौत के कुछ अंतराल बाद ही उनके पुत्र की भी मौत हो गई

News Aroma Media
3 Min Read

दुमका : समाज में कई प्रकार की गलतफहमी अथवा कमफहमी के कारण बिना आधार के कुछ समस्याएं खड़ी हो जाती हैं, लेकिन अगर किसी बात को लेकर अंधविश्वास पैदा हो जाए तो इससे उत्पन्न समस्या का समाधान बहुत कठिन होता है।

ऐसा ही एक मामला झारखंड में दुमका (Dumka) जिले में दुमका प्रखंड (Dumka Block) क्षेत्र के आसनबेड़िया पंचायत (Asanbedia Panchayat) स्थित उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटूडीह से आया है।

झारखंड के इस स्कूल में एक सप्ताह से बच्चों को पढ़ने नहीं भेज रहे अभिभावक, जानिए कारण… Parents are not sending children to study in this school of Jharkhand for a week, know the reason…

यह है बच्चों को स्कूल नहीं बजने का कारन

बताया जा रहा है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों व अभिभावकों (Parents) को स्कूल में कथित रूप से भूत होने का डर सताता रहता है।

इस कारण अभिभावक करीब एक सप्ताह से बच्चों को स्कूल में पढ़ने नही भेज रहे हैं।

- Advertisement -
sikkim-ad

ऐसे में मजबूरन विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) के अध्यक्ष के खपरैल घर में कक्षाओं का संचालन हो रहा है।

यहां एकमात्र शिक्षक (सहायक अध्यापक) सुरेंद्र टुडू कार्यरत हैं,वह अध्यक्ष के खपरैल घर में ही बच्चों को पढ़ाते हैं।

झारखंड के इस स्कूल में एक सप्ताह से बच्चों को पढ़ने नहीं भेज रहे अभिभावक, जानिए कारण… Parents are not sending children to study in this school of Jharkhand for a week, know the reason…

DSE आए तो स्कूल में लटका था ताला

जानकारी मिली है कि मंगलवार को जिला शिक्ष अधीक्षक (District Superintendent of Education) दीपक राम ने इस स्कूल का निरीक्षण किया।

इस दौरान स्कूल भवन में ताला लटका हुआ था। उसके बाद संबंधित संकुल के CRP ने बताया कि स्कूल का संचालन SCM अध्यक्ष के निजी घर में हो रहा है।

उन्होने अध्यक्ष के निजी घर में पढ़ाई करने वाले स्कूली बच्चों से बातचीत की। ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि भूत-प्रेत कुछ भी नहीं होता है,यह भ्रांति है।

रसोइया की कुछ बीमारी के कारण मौत हो गई

यह संयोग है कि स्कूल के एक शिक्षक बाबुधन मुर्मू की मौत के कुछ अंतराल बाद ही उनके पुत्र की भी मौत हो गई।

इसके अलावा रसोइया छातामुनी मुर्मू की कुछ बीमारी के कारण मौत हो गई। इन घटनाओं के बाद ही गांव के लोग डरे-सहमे हैं और बच्चों को स्कूल में पढ़ने नहीं भेजते हैं।

बता दें कि धसनियां शैक्षणिक अंचलन्तर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटूडीह 2002 में स्थापित हुआ था। उक्त स्कूल में 30 बच्चे नामांकित हैं।

स्कूल का भवन भी बना है। DSE ने ग्रामीणों को बताया कि आगे से स्कूल में ही पढ़ाई होगी।

Share This Article