खूंटी: तोरपा स्थित रेफरल अस्पताल (Referral Hospital) में किसी डॉक्टर के नहीं रहने के कारण एक घायल मरीज (Injured Patient) की जान चली गई। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को सुबह अस्पताल गेट के सामने रांची-सिमडेगा रोड (Ranchi-Simdega Road) को जाम कर दिया।
समाचार लिखे जाने तक जाम जारी था और प्रशासन के अधिकारी उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
वीरेंद्र की मौत होते ही ग्रामीण उग्र हो गए
जानकारी के अनुसार तोरपा थाना के कसमार गांव निवासी वीरेंद्र मांझी (Virendra Manjhi) शुक्रवार को ट्रैक्टर चलाने के दौरान दुर्घटना (Accident) में गंभीर रूप से घायल हो गया था।
उसके स्वजन सुबह लगभग साढ़े आठ बजे घायल मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।
काफी देर तक तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। वीरेंद्र की मौत होते ही ग्रामीण (Villager) उग्र हो गए और सड़क पर धरने पर बैठ गए।
सड़क के दोनों ओर वाहनों की लबी कतार लग गई
इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लबी कतार लग गई। सड़क जाम की सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा, प्रखंड विकास पदाधिकारी दयानंद कारजी (Block Development Officer Dayanand Karji), थाना प्राभारी मनीष कुमार अस्पताल गेट पहुंचे और सड़क पर बैठे लोगों को समझााने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण डयूटी (Rural Duty) से नदारत डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े थे।
अस्पताल पहुंचते ही वीरेंद्र की मौत हो चुकी
इधर, अस्पताल के कर्मचारियों (Employees) का कहना है कि अस्पताल पहुंचते ही वीरेंद्र की मौत हो चुकी थी।
बताया गया कि रेफरल अस्पताल में डॉक्टर गुरुवार की रात से लेकर शुक्रवार को सुबह दस बजे तक डॉक्टर मुकेश कनौजिया की ड्यूटी थी, लेकिन वह सुबह ही अस्पताल छोडकर चले गए, जबकि दूसरे डॉक्टर के आने के बाद ही उन्हें अस्पताल छोड़ना था।