रांची: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल RIMS में केवल रांची के ही लोग इलाज कराने नहीं पहुंचते हैं बल्कि पूरे राज्य भर से लोग यहां अपना इलाज करवाने आते हैं।
रिम्स अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर और लाचार मरीजों के लिए एक वरदान है क्योंकि यहां पर सरकारी संसाधन (Government resources) में बेहतर इलाज और अत्याधुनिक तकनीक के साथ जांच की सुविधा उपलब्ध है जिसके लिए बहुत ज्यादा पैसे भी खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन कई बार रिम्स की ऐसी तस्वीरें सामने आती है जिसे देखकर दिल सहम-सा जाता है।
कंपकंपाती ठंड में भी अस्पताल के फर्श पर सोने को मजबूर
अक्सर रिम्स में देखा जाता है कि मरीजों का इलाज Hospital के फर्ज पर किया जा रहा है। लाचार और बेबस मरीज फर्श पर एक पतली चादर या कंबल बिछाकर उसी पर सोए रहते हैं।
जरा सोचिए इतनी कंपकंपाती ठंड (Shivering Cold) जिसमें आप अपने घरों के अंदर भी मोटी-मोटी कंबल वाले या रजाईयां ओढ़ कर सोते हैं। वहां वै लाचार मरीज इतनी ठंड के मौसम में भी हॉस्पिटल के फर्श पर एक चादर बिछाए सोए हुए रहते हैं।
इतनी ठंड में यदि किसी भी व्यक्ति को इस तरह से फर्श पर सुलाया जाए तो वह व्यक्ति भी बीमार हो जाएगा तो उन लोगों का क्या होता होगा जो पहले से किसी बीमारी से ग्रसित है और इस तरह फर्श पर सोने को मजबूर है। इस तरह की तस्वीर रिम्स में आए दिन देखने को मिलती है।
अस्पताल के न्यूरो विभाग (Neuro department) में ऐसी तस्वीरें सबसे ज्यादा दिखाई देती है, क्योंकि रिम्स के न्यूरो विभाग में मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसिलिए न्यूरो विभाग के प्रबंधन को सभी मरीजों के लिए Bed उपलब्ध कराना एक चुनौती बन जाती है।