पटना: बिहार के मधेपुरा जिले में पुलिस ने एक बुजुर्ग के खिलाफ कोरोना के टीके की 12 खुराक लेने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी पुरैनी के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्वारा दी गई लिखित शिकायत पर आईपीसी की धारा 419, 420 और 188 के तहत दर्ज की गई है।
इसकी पुष्टि करते हुए, मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार ने कहा, ब्रह्म देव मंडल नाम के बुजुर्ग पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने 13 फरवरी, 2021 से 4 जनवरी, 2022 तक विभिन्न पहचान प्रमाणों का इस्तेमाल करके टीके लगवाए हैं। मंडल ने कोरोना के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया है।
मधेपुरा के सिविल सर्जन अब्दुल सलाम ने कहा, हमने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। रिपोर्ट के बाद, हम इसके बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं हुई। मधेपुरा के औराई इलाके के वार्ड नंबर 8 के मूल निवासी मंडल ने दावा किया कि यह राज्य के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है।
मंडल ने कहा, चूंकि टीका कोरोना से लड़ने के साथ-साथ अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए मेरी प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए उपयोगी है, इसलिए मैंने 12 खुराक लेकर कोई गलती नहीं की। मेरा कोई गलत इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य विभाग ने 12 खुराक कैसे दी, यह उनकी ओर से लापरवाही है। विभाग के अधिकारी अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं और मुझ पर आरोप लगा रहे हैं।
टीका लगने के बाद इनके घुटने का दर्द कम हो गया
ब्रह्मदेव मंडल मधेपुरा जिले के पुरैनी प्रखंड के अंतर्गत औराय गांव के रहने वाले हैं। खुद ब्रह्मदेव ने बताया था कि इन्होंने पिछले 10 महीने में अलग-अलग स्थानों पर जाकर 11 बार टीका लगाया है।
इनका कहना था कि टीका लगने के बाद इनके घुटने का दर्द कम हो गया। यही कारण है कि एक के बाद एक टीका लगाते गए।
उन्होंने लंबे समय तक ग्रामीण चिकित्सक का भी काम किया है। वे मोबाइल नंबर बदल-बदलकर टीका लेते थे। कभी आधार कार्ड तो कभी राशन कार्ड से भी टीका लेते थे।
12वां डोज लेते समय ब्रह्मदेव पकड़े गए। वे 12वीं बार टीका लगवाने के लिए चौसा केंद्र पहुंच थे। यहां लोगों ने उन्हें पहचान लिया।