पटना: रेलवे की एनटीपीसी बहाली में हुई गड़बड़ी को लेकर छात्र आंदोलन में फंसे खान सर को फिलहाल पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी।
पटना के एसएसपी ने कहा है कि खान सर ही नहीं बल्कि जितने कोचिंग संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है उनकी जांच की जायेगी।
खान सर को पुलिस के सामने पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा। जांच में आरोप सही पाने जाने के बाद ही पुलिस गिरफ्तारी समेत दूसरी कार्रवाई करेगी।
बिहार कोचिंग एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो से मुलाकात की। कोचिंग संचालकों ने खुद को बेकसूर बताते हुए मुकदमे को गलत बताया।
उसके बाद मीडिया से बात करते हुए पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि पुलिस ने फिलहाल एफआईआर दर्ज किया है।
इसके बाद अनुसंधान के दूसरे चरण में ऐसे तमाम कोचिंग संचालक जिनके खिलाफ प्राथमिकी हुई है उन्हें नोटिस भेजा जायेगा।
पुलिस उन्हें बकायदा डेट औऱ टाइम तय करके उन्हें बुलायेगी। उन्हें मौका दिया जायेगा कि वे पुलिस के सामने ये साबित करें कि हिंसा और उपद्रव में उनकी भूमिका नहीं थी।
हालांकि, पटना के एसएसपी ने ये दावा किया कि पुलिस ने सारे साक्ष्यों के आधार पर ही खान सर समेत छह कोचिंग संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया है।
एसएसपी ने कहा कि हिंसा और उपद्रव के मामले में जो लोग पकड़े गये उनसे पुलिस ने पूछताछ की गई। पुलिस को पता चला कि जो भी प्रदर्शन औऱ हिंसा हो रही थी उसे डिजिटल माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा था। यू ट्यूब चैनल के माध्यम से छात्रों को मोबलाइज किया जा रहा है।
हिंसा के वाकये को यूट्यूब के जरिये लाइव दिखाया जा रहा था ताकि दूसरे युवाओं को भी गलत रास्ते पर जाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
पटना के एसएसपी ने बताया कि पुलिस ने कई यूट्यूब, फेसबुक औऱ ट्विटर अकाउंट की छानबीन की। उसमें पता चला कि ये छह लोग जिन्हें अभियुक्त बनाया है वे लोग छात्रों को उकसा रहे थे।
उनके यूट्यूब चैनलों का पुलिस ने छानबीन किया है तभी एफआईआर दर्ज की गयी है। एसएसपी के इस एलान के बाद खान सर के सिर पर लटक रही गिरफ्तारी फिलहाल टल गयी है।
उल्लेखनीय है कि पटना के पत्रकार नगर थाना ने खान सर समेत छह कोचिंग संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस को पूछताछ में ही पता चला था कि खान सर, एस के झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर, गोपाल वर्मा सर ने छात्रों को भड़काया है। इसके बाद इन सभी पर पत्रकार नगर थाना में केस दर्ज करते हुए इन्हें नामजद अभियुक्त बनाया गया।