पटना: सिखों के दूसरे बड़े तख्त व दशमेश पिता की जन्मस्थली पटना साहिब स्थित श्रीहरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी 70 वर्षीय भाई राजिंदर सिंह का सोमवार अलसुबह पीएमसीएच में इलाज के दौरान निधन हो गया।
उनकी गर्दन कृपाण से कट गई थी। हालांकि यह अभी तक तय नहीं हो सका है कि किसी ने हत्या के लिए उनकी गर्दन काटी थी, या उन्होंने खुद ही आत्महत्या की कोशिश की थी।
उन्हें गम्भीर स्थिति में 13 जनवरी को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी हालत में लगातार सुधार भी हो रहा था।
अस्पताल में उनके साथ रहे पुत्र दया सिंह ने बताया कि भाई राजिंदर सिंह की तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा था।
रात में उन्हें दाल का पानी भी दिया गया। वह इशारों को समझने भी लगे थे। लेकिन अचानक देर रात सांस लेने में तकलीफ होने पर डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
दया सिंह ने ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि उन्होंने खुद से गले में कृपाण से हमला कर आत्महत्या करने का प्रयास किया था या किसी ने उन पर हमला किया।
सोमवार की देर शाम उनका अंतिम संस्कार खाजेकलां घाट पर किया गया।
इधर मुख्य ग्रंथी के निधन की खबर मिलते ही सिख समाज में शोक की लहर दौड़ गई।
प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अवतार सिंह हित, महासचिव इंद्रजीत सिंह, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य एवं पूर्व महासचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लों, सरदार राजा सिंह, त्रिलोक सिंह निषाद समेत कई अन्य ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्य ग्रंथी पर हुए हमले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
जिससे यह पता चल सके कि गुरुद्वारा परिसर स्थित उनके कमरे के बिस्तर पर वह खून से लथपथ संदिग्ध हालत में आखिर कैसे मिले।
मृतक के छोटे पुत्र दीपक सिंह का कहना है कि 13 जनवरी की सुबह जब वह चाय लेकर अपने पिताजी के कमरे में गए तो देखा कि दरवाजा बाहर से बंद था।
दरवाजा खोल कर अंदर जाने पर देखा कि पिताजी बिस्तर पर खून से लथपथ पडे थे। उन्होंने बताया कि कृपाण से मुख्य ग्रंथी द्वारा गले पर हमला कर आत्महत्या का प्रयास करने की बात कही जा रही है।
लेकिन कमरे में खून लगा कृपाण नहीं मिला है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।
पद पर दूसरे की बहाली से थे परेशान
जानकारी के अनुसार तख्तश्री हरिमंदिर साहिब के मुख्यग्रन्थी भाई राजिंदर सिंह बीते कुछ दिनों से परेशान दिख रहे थे।
लोगों ने बताया कि उनके पद पर किसी दूसरे की बहाली की सूचना है। गुरुवार को वह ज्यादा परेशान दिखे।
शायद इसी तनाव में आकर उन्होंने आत्महत्या की नीयत से अपने कृपाण से खुद के गर्दन पर कई वार किए।
आनन-फानन में परिजन ने इलाज के लिए गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया था।
राजेन्द्र सिंह की आंखें देखेंगीं दुनिया
तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना सहिब के मुख्य ग्रंथी भाई राजेन्द्र सिंह के परिजन ने उनका नेत्रदान पीएमसीएच में कराया है।
अब उनकी दोनों आंख किसी के जीवन को रौशन करेंगी। सरदार राजिंदर सिंह की आंखों से दो नेत्रहीनों को दृष्टि मिल सकेगी।
सरदार रणजीत सिंह सोढ़ी और परिवार के सदस्यों की स्वीकृति एवं दधीचि देहदान समिति के सदस्य संजीव कुमार यादव व अल्पसंख्यक मोर्चा के सरदार अजय उर्फ चप्पू सिंह के माध्यम से पीएमसीएच के नेत्र अधिकोष की टीम ने काउंसिलिंग की, फिर चिकित्सकों के जरिए नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गयी।