पटना: Patna Highcourt (पटना हाईकोर्ट) ने पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) से आधुनिक बूचड़खाने (Slaughterhouse) के निर्माण और विकास के लिए कार्रवाई का पूरा ब्यौरा कोर्ट (Court) में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
आज पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पटना (Patna) एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की।
इस मामले पर अगली सुनवाई 19 दिसंबर,2022 को होगी।
अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं
यह जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि पटना (Patna) समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं।
इससे जहाँ आम आदमी के स्वास्थ्य (Health) पर पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों (Animals) के काटे जाने से बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से (Illegal) चलने वाले बूचडखानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए।
नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है
याचिकाकर्ता अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाज़ार, पाटलिपुत्रा , राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली (Meat Fish) की बिक्री होती है।
अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र (Certificate) के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है जो जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने (Slaughterhouse) बनाए जाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले।साथ ही जनता को भी स्वस्थ और प्रदूषणमुक्त मांस मछली मिल सके।