पटना: गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में दोषी पाए गए इफ्तेखार को एनआईए कोर्ट ने साक्ष्य छिपाने के आरोप में सात वर्ष की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि इफ्तेखार 7 वर्ष एक माह न्यायिक हिरासत के तहत बेऊर जेल में बिता चुका है। ऐसे में उसके जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो चुका है।
विधिक जानकारों की मानें तो जुर्माने की 10 हजार राशि कोर्ट में जमा करने के बाद इफ्तेखार जेल से कभी भी छूट सकता है।
इफ्तेखार पर आरोप था कि मृत आतंकी तारिक के घर छापेमारी करने से पहले उसने विस्फोटक पदार्थ को हटा दिया था।
एनआईए के वकील ने बताया है कि पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 के शौचालय में हुए बम विस्फोट में तारिक जख्मी हो गया था।
बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जबकि इम्तियाज पकड़ा गया था। इम्तियाज के बयान आधार पर पुलिस ने रांची स्थित सीठिया में मृत तारिक के घर छापेमारी की थी।
अहमद व फिरोज तीन साल और रहेंगे जेल में
दोषी अहमद हुसैन व फिरोज आलम को विस्फोटक अधिनियम के तहत 10-10 वर्ष की कैद और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
ये दोनों 2014 से बेऊर जेल में हैं और सात वर्ष बिता चुके हैं। तीन वर्ष बाद ये दोनों भी रिहा हो सकते हैं।