पटना: केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शुक्रवार को कहा कि देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरा टाइगर रिजर्व होगा, जिसकी तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
बाघ संरक्षण पर चौथे एशियाई मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय मंत्री पटना से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। बैठक में केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने देश में बाघ संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
बैठक में मलेशिया, कंबोडिया, भूटान, भारत, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार के पर्यावरण व वन मंत्री शामिल हुए।
बैठक के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री चौबे ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार बाघ संरक्षण के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहा है।
बाघों का संरक्षण वनों के संरक्षण का प्रतीक है, इसी ध्येय के साथ कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरा टाइगर रिजर्व बिहार में होगा। इसकी तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि भारत के 14 बाघ अभयारण्यों, जिन्हें ग्लोबल कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्डस (सीएटीएस) की मान्यता मिली है। उसमे बिहार का वाल्मीकिनगर भी है।
इधर, केंद्रीय मंत्री ने बिहार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता और पटना वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी रुचि सिंह सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कैमूर में बन रहे दूसरे टाइगर रिजर्व की तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली।
इस दौरान पटना में नगर वन योजना के अंतर्गत नए उद्यान स्थापित करने के बारे में भी विचार विमर्श किया।
बैठक में चौबे ने टाइगर रिजर्व बनाने के कार्य को तेजी से करने और पटना ने वन नगर योजना के तहत नए उद्यान के बनाने के बारे में स्थान तय करने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए।
चौबे ने बताया कि कैमूर के जंदाहा में कृष्ण मृग के संरक्षण और संवर्धन का काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि आसपास के इलाकों से मिले 200 से ज्यादा कृष्ण मृग का यहां इलाज किया गया है।
इसको और विकसित करने का काम करने के लिए उन्होंने बिहार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता को शीघ्र कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।