पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच सरकार ने संक्रमण पर रोक लगाने के लिए तरह-तरह पाबंदियां भी लगाई हैं।
आंकडों पर गौर करें तो कोरोना के दूसरी लहर की तुलना में इस तीसरी लहर की शरूआत में रफ्तार तेज है।
राज्य में दूसरी लहर की शुरूआत पिछले साल अप्रैल में माना जाता हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकडों की मानें तो राज्य में दूसरी लहर के शुरूआती दिनों में मरीज की संख्या उतनी तेजी से नहीं बढ रही थी, जिस तरह इस बार तेजी से बढी है।
आंकडों के मुताबिक एक अप्रैल 2021 को राज्य में 488 नए संक्रमित मिले थे जबकि पांच अप्रैल को 935 नए लोगों को संक्रमित पाया गया था।
इसी तरह 10 अप्रैल को 3469 मरीज पाए गए थे। इधर, तीसरे चरण की बात करंे तो राज्य में 28 दिसंबर को 47 लोगों को संक्रमित पाया गया था जबकि 10 दिनों के बाद यानी 6 जनवरी को राज्य में 2379 नए मरीज मिले थे।
इस तीसरे चरण में हालांकि अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में हैं और उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पडी है।
पटना अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार भी कहते हैं, तीसरे चरण में कोरोना वायरस में आए बदलाव को सुपर स्प्रेडर यानी तेज संक्रमण वाला माना गया है।
ऐसे में इसमें अधिक लोगों को संक्रमित करने की क्षमता होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में ओमिक्रॉन के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, जिन राज्यों में नए वेरिएंट का संक्रमण है ठीक उन्हीं राज्यों की तरह बिहार में भी संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है।
उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अब ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ेगा।
आंकडों के मुताबिक प्रतिदिन नए मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से सक्रिय मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है।
पटना से लेकर राज्य के अन्य जिलों में संक्रमण को लेकर स्वास्थ विभाग हालांकि अलर्ट पर है।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि राजय स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि अधिकांश संक्रमित घर पर हैं।
उन्हें भी दवा पहुंचाने की तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भी तैयारी पूरी रखी गई है।