पटना: जम्मू-कश्मीर की घाटियों में आतंकी संगठनों को हथियार पहुंचाने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने सोमवार को चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में बिहार के भी दो आरोपित शामिल हैं।
जम्मू में दायर इस चार्जशीट में पांच लोगों को मुख्य रूप से अभियुक्त बनाया गया है। इनमें दो आरोपित बिहार के हैं। शेष आरोपित जम्मू के ही रहने वाले हैं।
बिहार के दोनों आरोपित मोहम्मद अरमान अली और मोहम्मद एहसानुल्लाह सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देवबहुआरा गांव के रहने वाले हैं।
कुछ दिनों पहले एनआइए ने इनकी गिरफ्तारी भी इसी मामले में की थी।
एनआइए की जांच में यह पाया गया कि कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हुए आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए गठित नये आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा (एलएम) को हथियार देने वाले नेटवर्क में मुख्य रूप से ये दोनों जुड़े हुए थे।
ये दोनों मुंगेर से देसी हथियारों की खेप को पंजाब, हरियाणा होते हुए जम्मू-कश्मीर तक पहुंचाते थे। हथियारों की तीन-चार खेप को इन्होंने इस आतंकी संगठन तक पहुंचाया था।
उल्लेखनीय है कि जम्मू के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में करीब 60 जवान शहीद हो गये थे।
इस मामले की तफ्तीश एनआइए ने शुरू की और देश में छिपे एलएम का सहयोग करने वालों की धड़-पकड़ शुरू कर दी।
एनआइए की जांच में यह पाया गया कि पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद या जैश प्रमुख मसूद अजहर के भाई मो. रौउफ अजहर उर्फ अब्दुल असगर ने एलएम की स्थापना सिर्फ इस हमले को अंजाम देने के लिए किया था।
इसमें उसने बिहार, यूपी और जम्मू के कई युवाओं को भी बहला-फुसला कर शामिल कराया था।
बिहार के ये दोनों युवक हथियारों की तस्करी करते और इसी चक्कर में इस आतंकी संगठन को हथियार देने लगे।