मुंबई: उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) शरद पवार (Sharad Pawar) की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को विभाजित करना चाहती थी, जैसा उसने शिवसेना के साथ किया था, लेकिन NCPके दिग्गज नेता के मास्टरस्ट्रोक ने उनकी योजनाओं को नाकाम कर दिया।
भाजपा की योजना कूड़ेदान में चली गई
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना (UBT) ने कहा, भाजपा ने शिवसेना (Shiv Sena) को विभाजित कर दिया।
इसी तरह NCP को भी दो हिस्सों में बांटने की उसकी योजना थी। कुछ लोग ‘बैग’ लेकर तैयार थे और वहां पहुंचने वालों के लिए ठहरने-खाने की व्यवस्था भी कर रखी थी। हालांकि, शरद साहेब के मास्टरस्ट्रोक (Masterstroke) ने सुनिश्चित किया कि भाजपा की योजना कूड़ेदान में चली गई।
संपादकीय में दावा किया कि NCP का एक समूह चाहता था कि शरद पवार भाजपा से हाथ मिला लें और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और आयकर विभाग के उत्पीड़न से मुक्त करें।
पवार ने एक समिति गठित करने का फैसला किया
इसमें कहा गया, हालांकि, पवार ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया। इतना ही नहीं, जिस क्षण उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की, महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों (Political parties) को करारा झटका लगा। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव डाला…’
सामना के संपादकीय (Editorial) में कहा गया है कि NCP कार्यकर्ताओं और नेताओं के दबाव के बाद, पवार ने एक समिति गठित करने का फैसला किया।
इसमें कहा गया, उन्होंने एक अहम समिति नियुक्त की और इस समिति में किसे स्थान दिया? इनमें से कई थे, जो इस बात पर जोर दे रहे थे कि NCP BJP से साथ हाथ मिला ले।
लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के गुस्से के कारण, समिति के पास पार्टी अध्यक्ष के रूप में शरद पवार के इस्तीफे (Sharad Pawar’s Resignation) को खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
BJP की रहने-खाने की सुविधा अभी भी बनी हुई है
समिति को पवार को बताना था कि, ‘अब से केवल वह और वह ही अध्यक्ष बने रहने वाले हैं। इस प्रकार, तीसरे संस्करण (Version) के समाप्त होने से पहले, पवार ने इस पूरे मामले को बंद कर दिया।
पवार ने कहा कि जो लोग राकांपा (NCP) छोड़ना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं और वह उन्हें नहीं रोकने वाले हैं। इसका मतलब है कि जो लोग जाना चाहते थे, उन्हें कम से कम अस्थायी रूप से उनके रास्ते में ही रोक दिया गया है। हालांकि, BJP की रहने-खाने की सुविधा अभी भी बनी हुई है।