न्यूज़ अरोमा रांची: अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने इस साल एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक 75 मामलों का निष्पादन किया है। सीआइडी ने हर महीने औसतन छह मामले का निष्पादन किया है।
इन 75 मामले में 10 साइबर क्राइम से संबंधित है। बाकी 65 अन्य क्राइम के मामले है।
इस वर्ष सीआईडी ने कुल 60 मामले को टेकओवर किया था। इनमें 25 साइबर क्राइम के मामले थे और 35 अन्य क्राइम के मामले थे। सीआइडी में आईजी के दो पद स्वीकृत हैं। जिनमें दोनों खाली हैं।
इसके अलावा एसपी के चार पद में से दो खाली हैं। इसके बावजूद एडीजी अनिल पाल्टा के नेतृत्व में झारखंड सीआइडी ने बेहतर काम किया है। इनमें ज्यादातर ऐसे मामलों का निष्पादन किया गया है,जो लंबे समय से लंबित थे।
उल्लेखनीय है कि एक जनवरी 2020 तक सीआईडी में जांच के लिए पूर्व के 287 मामले पेंडिंग में पड़े थे।
सीआईडी ने इस वर्ष 56 मामले में फाइनल रिपोर्ट दायर किया है। इन 56 मामले में चार मामले साइबर अपराध से संबंधित है और 52 अन्य क्राइम के मामले हैं।
इसके अलावा सीआईडी ने साइबर क्राइम के 6 मामले में चार्जशीट दायर किया है और अन्य क्राइम के 13 मामले में भी चार्जशीट दायर किया गया है।
इस वर्ष अब तक सीआईडी में जांच के लिए साइबर क्राइम से संबंधित 99 और अन्य क्राइम के मामले 173 जांच के लिए पेंडिंग पड़े हुए हैं। सीआइडी ने बड़े कांडों में शामिल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जिन बड़े कांडों में शामिल 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया। उसमें धनबाद में फर्जी गांजा तस्करी, गुमला-पलामू घोटाला, सराइकेला को-ऑपरेटिव बैंक गबन मामले, रांची के बरियातू दावत रेस्टोरेंट मामले और साइबर अपराध से संबंधित मामले है।
सीआईडी ने इस साल कई चर्चित मामले को टेकओवर किया और ऐसे मामले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का भी काम किया है।
सीआईडी ने जिन चर्चित मामले का टेकओवर किया। उसमें सराइकेला को-ऑपरेटिव बैंक में 39 करोड़ रुपया गबन के मामले, गुमला पलामू एसबीआई बैंक में 21.65 करोड़ रुपया का घोटाला,राज्य के 9 जिलों में फैक्स द्वारा धान खरीद में हुए 12.85 करोड़ रूपया के अनियमितता के मामले, साल 2020 में झारखंड राज्य में हुए उग्रवादी पुलिस मुठभेड़ से संबंधित 11 कांड, साल 2020 में थाना के हाजत में मृत्यु से संबंधित पांच यूडी कांड, लातेहार जिला के बालूमाथ में कोयला चोरी के मामले और धनबाद के निरसा में संगठित तौर पर अवैध तरीके से गांजा रखकर एक निर्दोष को फंसाने के मामला शामिल है।
सीआइडी में टेक्निकल सेल का गठन किया गया है। किसी भी केस में अनुसंधान के दौरान कॉल डिलेट रिपोर्ट, कॉल डंप, रिचार्ज हिस्ट्री समेत अन्य जानकारियों को जुटाने का काम टेक्निकल सेल कर रही है।
टेक्निकल सेल का प्रभार डीएसपी स्तर के अधिकारी के जिम्मे है। इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को टेक्निकल सेल का सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है। वहीं तकनीक संबंधी विश्लेषण के लिए पुलिसकर्मियों की टीम को भी इसमें शामिल किया गया है।
सीआईडी पर लोगों का विश्वास बढ़ा
सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा ने कहा कि सीआईडी पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। लगातार उनके पास जांच के लिए आवेदन भी आ रहे हैं।
राज्य सरकार के जो दूसरे विभाग हैं, वो भी अपने मामलों की जांच सीआईडी से कराने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। सीआईडी अब नए तरीकों से मामलों की जांच कर रही है।
सीबीआई की तर्ज पर मामलों की जांच की जा रही है। बेहतर तकनीक और वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान की शुरुआत सीआईडी में की गई है।
सीआईडी को पेशेवर पहचान दिलाने के लिए अलग ड्रेस कोड भी इस वर्ष से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि नए साल में सीआईडी को एक ऐसी जांच एजेंसी के रूप में स्थापित करना है, जिसपर सभी का भरोसा रहे।