नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोगों से अपील की है कि देश के सीमावर्ती गांवों के विकास के लिये जरूरी वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत वे इन गांवों में पर्यटन के लिये जायें।
वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम की घोषणा एक फरवरी को संसद में पेश आम बजट में की गयी है। सरकार का मकसद इस योजना के तहत चीन से लगे देश के सीमावर्ती गांवों में आधारभूत ढांचे का विकास करना है।
ग्रामीण विकास और जल पर आधारित वेबीनार सत्र में लीविंग नो सिटीजन बिहाइंड थीम पर दिये अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा, यह कितना अच्छा होगा कि तहसील के लोग सीमावर्ती गांवों में जायें। वे खुद ही उसका अनुभव प्राप्त करें कि किस तरह का माहौल वहां हैं और लोग वहां किस तरह रहते हैं।
यह सिर्फ शिक्षा से संबंधित गतिविधि नहीं होगी बल्कि इससे हमारी वाइब्रेंट विलेज योजना को भी मदद मिलेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि इन सीमावर्ती गांवों के जन्मदिन का उत्सव मनाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलायें ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धुरी हैं और वित्तीय समावेश ने यह सुनिश्चित किया है कि वे परिवार की आर्थिक गतिविधियों में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के जरिये इसका दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल जीवन अभियान के जरिये उनकी सरकार का लक्ष्य चार करोड़ कनेक्शन प्रदान करने का है और इस दिशा में और भी कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैँ यह जोर देना चाहता हूं कि हर राज्य पाइपलाइन के जरिये शुद्ध और अच्छी गुणवत्ता का पेयजल मुहैया करायें।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश के सभी लोगों को मूलभूत सुविधायें जैसे पानी, बिजली आदि मिले। हमें अपनी पूरी ताकत के साथ इस दिशा में काम करना होगा। बजट में इन योजनाओं को लागू करने का स्पष्ट खाका तैयार किया हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, जल जीवन अभियान, पूर्वोत्तर भारत संपर्क योजना, ग्रामीण भारत के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी योजना आदि के प्रावधान बजट में किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल और स्वामित्व योजना का भी उल्लेख किया और बताया कि स्वामित्व योजना के तहत 40 लाख प्रापर्टी कार्ड जारी किये गये हैं। उन्होंने प्रत्येक रुपये के उचित इस्तेमाल पर जोर दिया।
देश के 100 जिलों, 1,144 प्रखंडों, 66,647 ग्राम पंचायतों और 1,37,642 गांवों में हर घर जल योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
गोवा, तेलंगाना और हरियाणा के अलावा दादर नगर हवेली, दमन दीव और पुड्डुचेरी जैसे केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने शत प्रतिशत निवासियों को नल का पानी मुहैया कराया है।
स्वामित्व योजना की शुरुआत राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 20 अप्रैल 2020 को की गयी थी। इस योजना के पायलट चरण के तहत 2020 में ही देश के नौ राज्यों में इसे शुरु किया गया था।
मौजूदा समय में देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना लागू है। वर्ष 2025 तक इस योजना को देश के सभी गांवों में लागू करने की लक्ष्य है।