नई दिल्ली: मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार ईद उल फितर रमजान के महीने के खत्म होने पर मनाया जाता है। पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना महामारी ने तबाही मचा रखी है।
इसे देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अनुरोध किया है कि इस बार सभी लोग अपने घरों में ही ईद की नमाज पढ़कर खुशियां मनाएं।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। ईद के दिन सुबह की नमाज पढ़ इसकी शुरूआत हो जाती है।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि इस बार कोरोना की वजह से ईद पर लोग अपने घरों पर ही नमाज अदा करें।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है।
यह ऐसा कयामत का मंजर हमने आपनी अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा।
इस दौरान कई परिवारों ने अपने लोगों को खो दिया है। कई लोग तो अपनों को कंधा भी नहीं दे सके। डॉक्टरों के मुताबिक अभी तीसरी लहर बाकी है।
इसके लिए बहुत एहतियात की जरूरत है। इस साल रमजान 13 अप्रैल से शुरू हुआ था, इसलिए ईद उल फितर 13 मई गुरुवार या 14 मई शुक्रवार को मनाई जा सकती है।
हालांकि, चांद देखकर ही इसका सही दन तय होगा। नई दिल्ली के इमाम हाउस में मुख्य इमाम डॉक्टर इमाम उमेर अहमद इल्यासी ने कहा मैं सभी लोगों ने गुजारिश करता हूं कि आप सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें।
मस्जिदों के अंदर चंद लोग ही नमाज पढ़ रहें है, इसलिए आप बीते साल की तरह इस साल भी घर में नमाज अदा करें।