नई दिल्ली : देश में वैश्विक (Global) वजहों से होने वाली महंगाई (Inflation) का असर आने वाले दिनों में काफी कम देखने को मिल सकता है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा (Rating Agency ICRA) की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में थोक महंगाई पिछले वर्ष समान अवधि (Same Period) के मुकाबले इस साल काफी नीचे देखी जा सकती है।
हालांकि अल नीनो और देश में घरेलू वजहों (Domestic Reasons) की वजह से इस मोर्चे पर बढ़त देखने को मिल सकती है।
महंगाई के आंकड़ों में नरमी
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर (Global Scale) पर कमोडिटी (Commodity)की कीमतों में नरमी देखने को मिल रही है।
साथ ही ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि जिन चीजों के दाम दुनियाभर में यूक्रेन (Ukraine) और रूस के युद्ध की वजह से बढ़े थे वो अब घटने लगे हैं।
इसकी वजह से आने वाले महीनों में महंगाई (Dearness) के आंकड़ों में नरमी देखने को मिल सकती है।
दुनियाभर में गिरे दाम
वैश्विक कमोडिटी (Global Commodity) के दामों में ये नरमी दिसंबर महीने से ही दिखाई देने लगी थी।
इसके पीछे दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के बाद मांग का घटना भी बड़ी वजह रही।
आंकड़ों के मुताबिक ब्लूमबर्ग कमोडिटी इंडेक्स (Bloomberg Commodity Index) में 13 मार्च को करीब 3 फीसदी की गिरावट देखी गई थी।
साथ ही पिछले साल समान अवधि की बात की जाए तो इसमें 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
भारत में कच्चे तेल की कीमत
इसके अलावा भारत में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत भी पिछले साल मार्च के मुकाबले 27 फीसदी तक गिर गई हैं।
हालांकि घरेलू बाजार (Domestic Market) में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम पिछले साल जुलाई के बाद से स्थिर बने हुए हैं।
फरवरी महीने में थोक मूल्य सूचकांक (Price Index) महंगाई घटकर 25 महीने के निचले स्तर (Lower Level) 3.9 फीसदी पर पहुंच गई थी।
घरेलू बाजार में अभी भी चुनौतियां
थोक महंगाई (Wholesale Inflation) मार्च महीने में गिरकर 2 फीसदी तक जा सकती है।
साथ ही ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले साल के तेज उछाल की वजह से बने स्तर के चलते इस साल ये निगेटिव (Negative) जोन में भी देखी जा सकती है।
हालांकि देश में खाने पीने की चीजों के दामों में बढ़त की आशंका (Apprehension) बनी हुई है। देश में गर्म हवाओं और अल नीनो की भी परिस्थितियां बनी रह सकती हैं।
तेज बारिश और ओलों से फसलों को नुकसान
जानकारों को ये भी लगता है कि देश के कई राज्यों में हुई तेज बारिश और ओलों की वजह से फसलों (Crops) को बड़ा नुकसान हुआ है।
हालांकि नुकसान के सरकारी आंकलन (Official Assessment) के आंकड़े आने में अभी समय लगेगा लेकिन फौरी तौर पर जरूर सब्जियों और गेहूं की फसलों (Wheat Crops) को नुकसान हुआ है।
जानकारों की राय में इससे भी लोगों की जेब पर असर पड़ना तय है।