पटना: बिहार के सभी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को चौथे दिन भी जारी है। शनिवार को भी पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों ने काम नहीं किया।
जूनियर डॉक्टर हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते दिखे। पोस्टर के जरिए वो हड़ताल को लेकर अपनी बातें सरकार के सामने रख रहे हैं।
पोस्टर में लिखा हुआ है कि वादों की बौछार है, कोरोना योद्धा लाचार है।
छात्रवृत्ति नहीं बढ़ रही, मौज में सरकार है। प्रदर्शन के दौरान पोस्टर के जरिए जूनियर डॉक्टरों ने अपनी एकता का भी परिचय दिया है।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी की हालत जस की तस बनी हुई है।
बड़ा असर इमरजेंसी में ही देखने को मिल रहा है। मरीजों का पलायन हो रहा है, जिससे बेड खाली हो रहे हैं।
सर्जिकल इमरजेंसी में मरीजों की संख्या काफी कम है। यहां पचास प्रतिशत मरीज भी नहीं हैं।
हालांकि वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के कारण मरीज घटे हैं, लेकिन जूनियर डॉक्टर इसे हड़ताल का असर बता रहे हैं।
पीएमसीएच की ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों की मुश्किलें हड़ताल के कारण बढ़ गई हैं।
शनिवार को ओपीडी में मरीजों का रजिस्ट्रेशन तो हो गया लेकिन जूनियर डॉक्टरों के नहीं होने से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पद रहा है।
क्रिसमस की छुट्टी के बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बीच शनिवार को पीएमसीएच का ओपीडी खुल गया।
हालांकि सामान्य दिनों की अपेक्षा भीड़ काफी कम रही। दोपहर 12 बजे तक महज 4 घंटे में 720 मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वह कोई बाधा नहीं पहुंचा रहे हैं।
इस लिए से अस्पताल की ओपीडी का काउंटर उन्होंने बंद नहीं कराया।
सिविल सर्जन ने दिए 10 डॉक्टर
पटना मेडिकल कॉलेज ने 50 डॉक्टरों की डिमांड के लिए सिविल सर्जन को पत्र लिखा था।
शनिवार की सुबह 10 डॉक्टरों ने पीएमसीएच में रिपोर्ट कर दिया है। अब 40 और डॉक्टरों का इंतजार है।
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. बिमल कारक का कहना है कि 50 डॉक्टरों की डिमांड की गई थी, जिसमें 10 ने रिपोर्ट किया है। अब 40 और डॉक्टर मिल जाएंगे तो व्यवस्था थोड़ी ठीक हो जाएगी।
बाधा नहीं पहुंचाएंगे लेकिन काम भी नहीं करेंगे
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र का कहना है कि उनकी हड़ताल जारी है।
क्योंकि अभी तक उनकी किसी से कोई वार्ता नहीं हो पाई है।
डॉ. हरेंद्र का कहना है कि जूनियर डॉक्टर कोई बाधा नहीं पहुंचा रहे हैं, बस खुद को काम से अलग किए हुए हैं।
ओपीडी के रजिस्ट्रेशन को लेकर भी उनका कहना है कि मरीज आ रहे हैं और रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन काउंटर को उन्होंने बंद नहीं कराया है।