रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में मंगलवार को रांची नगर निगम के मेयर का पद (Ranchi Municipal Corporation Mayor) अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व किए जाने के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गयी है।
लक्ष्मीनारायण मुंडा ने याचिका दायर कर कहा है कि पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जिले में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी के लिए ही आरक्षित करने का प्रावधान है लेकिन चुनाव आयोग (Election Commission) ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस बार SC के लिए मेयर का पद आरक्षित कर दिया है। याचिका में कहा गया है झारखंड पांचवीं अनुसूची में आता है। इसके तहत 13 अनुसूचित जिले हैं। इसमें रांची भी शामिल है।
मेयर का पद ST के लिए ही रिजर्व रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया
अनुसूचित जिलों में मेयर, अध्यक्ष का पद आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाता है। झारखंड में पेसा कानून (Pesa Law) भी लागू है। इस कानून के तहत राज्य सरकार ने अनुसूचित जिलों में मुखिया और अन्य पदों को एसटी के लिए आरक्षित किया है।
पूर्व में सरकार ने अन्य नीतियों में भी इसका पालन किया है लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जिलों के पद को SC के लिए आरक्षित कर दिया है, जो गलत है।
याचिका में सरकार से रांची नगर निगम में मेयर का पद ST के लिए ही रिजर्व रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।