नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीएसएफ के वर्तमान महानिदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने याचिकाकर्ता पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की सभी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। ऐसे में इस याचिका का कोई मतलब नहीं है। 12 फरवरी को जस्टिस योगेश खन्ना ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था।
याचिका चंडीगढ़ के रहने वाले मोहित धवन ने दायर की थी। धवन ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी।
धवन ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका पिछले 8 फरवरी को तब याचिका वापस ले ली थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी।
याचिका में कहा गया था कि अस्थाना ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहते हुए दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर पूरी अपराध-न्याय प्रणाली पर कब्जा कर लिया और लाभ हासिल करने के लिए साजिश रची।
याचिका में कहा गया था कि अस्थाना ने उन्हें अवैध तरीके से फंसाया और याचिकाकर्ता को अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट तरीकों से पुलिस अफसरों के जरिये पैसे ऐंठने का प्रयास किया और उन्हें धमकी दी।
याचिका में कहा गया था कि अस्थाना ने ये काम गर्डरुड डिसूजा और उनके पति ब्रायन डिसूजा के लिए किया, जिनके अस्थाना के साथ निकट संबंध रहे हैं।
याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत 18 सितंबर, 2019 को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सीबीआई से की थी। इसके बाद साल 2020 में दो बार पत्र लिखा लेकिन अस्थाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दरअसल याचिकाकर्ता के खिलाफ 2018 में एक मामला दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता के खिलाफ गर्डरुड डिसूजा ने शिकायत दर्ज कराई थी।