लखनऊ: प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की है।
मोहसिन रजा ने मंगलवार को कहा कि पीएफआई अब अलकायदा को सहयोग करने वाली तुर्की के आईएचएच संगठन के साथ बैठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के खिलाफ साजिश रच रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में सीएए और हाथरस कांड में दंगे कराना, अनेक हत्याओं के आरोप जिस संगठन पर हों, अब वक्त आ गया है कि उसके खतरनाक मंसूबे को देखते हुए देश हित में पीएफआई को बैन करना तथा इसकी विचारधारा से जुड़े लोगों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई करना अति आवश्यक हो गया है।
दरअसल एक यूरोपीय शोध समूह के खुलासे के मुताबिक पीएफआई और तुर्की के जिहादी संगठन आईएचएच ने 2018 में एक बैठक आयोजित की थी। ये बैठक तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में आईएचएच के मुख्यालय में आयोजित की गई थी।
आईएचएच के कथित संबंध तुर्की राज्य की खुफिया एजेंसी से हैं इसलिए यह खुलासा महत्त्वपूर्ण हो जाता है। वहीं पीएफआई हाल के दिनों में भारत में दंगों और नागरिक अशांति को उकसाने में अपनी कथित भूमिका के लिए चर्चा में रहा है।
पीएफआई को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच ने हाल ही में खुलासा किया था कि विभिन्न स्रोतों से संगठन से जुड़े 73 से अधिक बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई थी।
इसके अलावा, गत वर्ष दिसम्बर में नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) में किए गए संशोधनों के विरोध के दौरान एक ही दिन में इन खातों से 90 बार निकासी की गई थी।
प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा पीएफआई को लेकर हुए खुलासों के बाद लगातार संगठन पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी (स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का नया रूप है।
हाथरस प्रकरण में पीएफआई की भूमिका निकल कर आई है। वह इलाके में जातिगत दंगे करवाने की कोशिश में था। इसलिए सिमी की तरह ही जांच कर पीएफआई को भी आतंकी संगठन घोषित कर उस पर प्रतिबन्ध लगाया जाए।