नई दिल्ली:डिजिटल पेमेंट सर्विस ने लोगों की लाइफ को आसान बनाया है।
बात खुले पैसे देने की हो या फिर बड़ा अमाउंट ट्रांसफर करने की, सभी तरह के ट्रांजेक्शन स्मार्टफोन से मैनेज हो जाते हैं।
भारत में डिजिटल पेमेंट की शुरुआत सबसे पहले जनवरी 2014 में पेटीएम ने की थी। इसके बाद देश में फोनपे, गूगल पे, मोबीक्विक, अमेजन, जियो मनी जैसे कई डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म आ गए।
हालांकि, मार्केट शेयर में फोनपे अब सबसे ऊपर और पेटीएम तीसरे नंबर पर है। भारत में गूगल पे की शुरुआत अगस्त 2017 में हुई थी। तब इसका नाम तेज था।
एक साल बाद अगस्त 2018 को इसका नाम बदलकर गूगल पे कर दिया गया। पेटीएम के 3 साल बाद लॉन्च होने के बाद भी गूगल पे उससे काफी आगे निकल गया। वहीं, फोनपे की शुरुआत 2016 में हुई थी।