बेंगलूरु: वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल भुगतान कंपनी फोनपे का नुकसान वित्त वर्ष 2020 में इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 7 फीसदी घटकर 1,771 करोड़ रुपए रह गया।
साल 2015 में कामकाज शुरू करने के बाद यह पहला मौका है जब कंपनी ने नुकसान में कमी दर्ज की है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में कुल राजस्व में 74 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और यह 427 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2019 में 245 करोड़ रुपए रहा था।
कंपनी का खर्च हालांकि वित्त वर्ष 2020 में एक साल पहले के मुकाबले 2 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 2,202 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में फोनपे का मुकाबला पेटीएम और गूगल पे के साथ है और साल 2023 में उसका इरादा आईपीओ लाने का है, जिसके लिए फ्लिपकार्ट ने फोनपे को आंशिक रूप से अलग करने की घोषणा की है ताकि उसे बढ़त की अपनी महत्वाकांक्षा के लिए लंबी अवधि का फंड मिल सके।