अहमदाबाद : गुजरात हाईकोर्ट में लाउडस्पीकर के उपयोग के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल कर ध्वनि प्रदूषण के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
हाईकोर्ट ने गुजरात सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 10 मार्च को मुकर्रर की है।
हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में पेशकश की गई है कि गणेश उत्सव और नवरात्रि महोत्सव के दौरान लाउडस्पीकर उपयोग के नियम हैं।ऐसे नियम मस्जिदों के लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए नियम होने चाहिए।
याचिकाकर्ता ने मस्जिदों में उपयोग किए जाते लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।साथ ही लाउडस्पीकर के वॉल्यूम के बारे में नियम बनाए जाने चाहिए।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और ध्वनि प्रदूषण नियमों के मुताबिक लाउडस्पीकर का वॉल्यूम 80 डेसिबल से कम होना चाहिए।लेकिन कई मस्जिदों में लाउडस्पीकर 200 डेसिबल से अधिक वॉल्यूम रखा जाता है।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष पेशकश की है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर से होनेवाले अजान दिन में पांच दफा होती है।
लाउडस्पीकर की तेज आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है, जिससे वरिष्ठ नागरिक और गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती हैं।
ध्वनि प्रदूषण के कारण मानसिक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।इस प्रकार लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए जिला कलेक्टर की मंजूरी लेने का प्रावधान होने के बावजूद इसका पालन नहीं किया जाता।
गुजरात हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में राज्य सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 10 मार्च को सुनिश्चित की है।