हिरोशिमा: जापान के हिरोशिमा में G-7 की बैठक (G-7 Meeting) में भाग लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की। इस दौरान भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर प्रगति सहित द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की।
मोदी ने जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन (Summit of G-7 Countries) से अलग ऋषि सुनक से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति भी जताई।
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ मुलाकात बहुत सार्थक रही। हमने व्यापार, इनोवेशन, विज्ञान और ऐसे अन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है।’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ सार्थक बातचीत की
विदेश मंत्रालय ने Tweet कर जानकारी दी है कि, ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने हिरोशिमा में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ सार्थक बातचीत की।
दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन (India-UK) के बीच FTA (मुक्त व्यापार समझौता) से जुड़ी वार्ताओं में हुई प्रगति का जायजा लेने के साथ-साथ द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की।’
मंत्रालय ने कहा कि मोदी और सुनक (Modi and Sunak) ने व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और दोनों देशों के नागरिकों के बीच परस्पर संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की।
मोदी और सुनक ने भारत की G-20 अध्यक्षता पर भी चर्चा की
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और सुनक ने भारत की G-20 अध्यक्षता पर भी चर्चा की। मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) के लिए सुनक का नई दिल्ली में स्वागत करने की उत्सुकता जताई।
भारत और ब्रिटेन पिछले साल जनवरी से FTA पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका मकसद एक ऐसे व्यापक समझौते पर सहमति बनाना है, जिससे दोनों देशों के बीच 2022 में अनुमानित 34 अरब पाउंड के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
ब्रिटिश सरकार (British Government) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत 2022 की तीसरी तिमाही के अंत में बीती चार तिमाहियों में ब्रिटेन का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। दोनों देशों के बीच हुआ व्यापार ब्रिटेन के कुल व्यापार का 2.1 प्रतिशत था।