नई दिल्ली: PM मोदी (PM Modi) ने बुधवार को कहा कि भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ उनकी सरकार की कार्रवाई से कुछ लोग नाराज हैं, लेकिन वह भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ इस लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे।
मोदी (Modi) ने रिपब्लिक टीवी के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि जो लोग नाराज हैं और शोर मचा रहे हैं, वे पिछले नौ साल में उनकी सरकार द्वारा बनाई गई ईमानदार व्यवस्था को ‘नष्ट’ करना चाहते हैं, लेकिन वे अपनी ‘साजिशों’ में सफल नहीं होंगे, क्योंकि विरोधियों की लड़ाई उनके साथ नहीं, बल्कि आम लोगों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में वे उन्हें गाली नहीं देंगे तो और क्या करेंगे?
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाने के लिए फिर से कवायद कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों ने उनके नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने और लोकतांत्रिक संस्थानों को ‘कमजोर’ करने का केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाया है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से सरकारी योजनाओं और अन्य खर्चों (Government Schemes and Other Expenses) में हजारों करोड़ रुपये की लीकेज खत्म हो गई है, जिससे कुछ लोगों के लिए भ्रष्टाचार का स्रोत रुक गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में वे उन्हें गाली नहीं देंगे तो और क्या करेंगे?
यह उल्लेख करते हुए कि उनकी सरकार द्वारा जन धन बैंक खाते, आधार और मोबाइल फोन के इस्तेमाल से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थी बाहर हो गए, प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर ऐसे लोगों को धन भेजने का आरोप लगाया, जिनका अस्तित्व ही नहीं था और जिनकी संख्या दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त आबादी से बड़ी थी।
मोदी ने कहा…
उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार का स्रोत (Source of Corruption) था और अब इसे रोक दिया गया है।
मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अब कोई आधा उपाय और अलग-थलग दृष्टिकोण नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब इस लड़ाई में एक एकीकृत और संस्थागत तंत्र मौजूद है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (विरोधी) कितना भी बड़ा गठबंधन कर लें…सभी भ्रष्ट लोगों और सभी ‘परिवारवादी’ को मंच पर आने दें… मोदी अपने रास्ते से पीछे हटने वाला नहीं है। मैंने देश को भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद (Corruption and Nepotism) से मुक्त करने का संकल्प लिया है और यह जारी रहेगा। मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं।’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने कुछ लोगों के लिए भ्रष्टाचार के जरिये पैसा बनाने के साधन बंद कर दिए हैं, जिससे वे नाराज हैं।
वायरस के खिलाफ टीकों के निर्माण के लिए आत्मनिर्भरता का रास्ता चुना
उन्होंने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वी (Rival) उन्हें नष्ट करने में सफल हो भी सकते थे, अगर उनकी लड़ाई केवल उनके साथ होती, लेकिन वे इसलिए सफल नहीं हो रहे हैं, क्योंकि विरोधियों की लड़ाई इस देश के आम लोगों के खिलाफ है।
मोदी (Modi) ने यह भी कहा कि उन्होंने COVID-19 के प्रकोप के दौरान अपनी ‘राजनीतिक पूंजी’ को खतरे में डाल दिया, जब उन्होंने वायरस के खिलाफ टीकों के निर्माण के लिए आत्मनिर्भरता (Self Reliance) का रास्ता चुना।
उन्होंने आयात के लिए पैरवी करने वालों पर चुटकी ली और आश्चर्य जताया कि किसके दबाव में उन्होंने ऐसा किया।
मोदी ने कहा, ‘मैंने अपनी राजनीतिक पूंजी (Political Capital) को बड़े पैमाने पर जोखिम में डाला। मैंने यह केवल देश के लिए किया।’
उन्होंने कहा कि वह आयात का विकल्प चुनकर खजाना खाली कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा रास्ता नहीं चुना।
40 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किए गए
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गरीब लोगों को अब विश्वास है कि उन्हें उनका सही हिस्सा मिलेगा, यह सही मायने में सामाजिक न्याय (Social Justice) है।’’
मोदी ने कहा कि नये भारत की परिवर्तन की कहानी कालातीत और भविष्योन्मुखी दोनों है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रा योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमियों (Mudra Scheme for Micro and Small Entrepreneurs) को वित्तीय सहायता देने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 40 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किए गए और प्राप्तकर्ताओं में से 70 प्रतिशत महिलाएं थीं।’
गरीबों के लिए 3.75 करोड़ से अधिक घर बनाए गए
उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए 3.75 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जबकि ‘आयुष्मान’ की स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) ने गरीबों के 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा (Employment Guarantee Scheme MNREGA) के लिए भी बड़ा आवंटन किया, पारदर्शिता को बढ़ावा दिया और इसका इस्तेमाल गांवों में स्थायी संपत्ति बनाने के लिए किया।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले नौ वर्षों में गरीब, वंचित, मध्यम वर्ग, समाज का हर वर्ग अपने जीवन में स्पष्ट बदलाव देख सकता है। आज हम प्रणालीगत दृष्टिकोण (Systems Approach) के साथ और मिशन मोड पर काम कर रहे हैं।’