नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में कोविड-19 के हालातों की समीक्षा की है और सेंट्रल टीम को दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ का दौरा करके जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय टीम में स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर भी शामिल रहेंगे।
पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई इस हाई-प्रोफाइल बैठक में कोविड से बचाव के हर तरीके अपनाने पर पूरा जोर डालने के लिए 6 से 14 अप्रैल के बीच में एक विशेष जागरूकता अभियान चलाने की बात भी कही गई है, जिसमें 100 फीसदी लोगों के मास्क पहनने पर जोर, व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्थलों और काम के जगहों पर साफ-सफाई और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस करने का फैसला किया गया है।
यह बैठक उस दिन हुई है, जिस दिन दूसरी लहर में एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमण सामने आए हैं। यह आंकड़ा पिछले साल के अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा यानी 98,000 के करीब पहुंच गया है (93,249- शनिवार को)।
दूसरी लहर में ज्यादा तेजी से फैल रहा है कोरोना वायरस
कोरोना संक्रमण की वजह से देश के कई राज्यों में ऐसे हालात बने हैं कि फिर से उन्होंने पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू लगाने, थियेटर, रेस्टोरेंट और पार्क बंद करने जैसा कदम उठा लिया गया है।
आने वाले दिनों में कुछ और पाबंदियों की भी घोषणा की जा सकती है। इसी तरह मध्य प्रदेश ने भी कई राज्यों से आने वाले लोगों के लिए सख्ती का ऐलान किया है।
इससे पहले दिल्ली में पीएम ने जो हाई-प्रोफाइल बैठक ली उसमें 5 बिंदुओं की रणनीति पर फोकस किया गया।
ये हैं- टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड से बचाव के अनुकूल बर्ताव और वैक्सीनेशन। बैठक में लोग इसी नतीजे पर पहुंचे कि यदि इन सब चीजों को ठीक से लागू किया गया तो यह कोरोना का बचाव का सबसे कारगर उपाय साबित हो सकता है।
कोरोना वायरस के बेकाबू होने के 3 कारण
भारत प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया में सबसे आगे निकल चुका है। रफ्तार देखकर लगता है कि किसी भी दिन पहली लहर का भी आंकड़ा पार कर जाएगा।
पीएम मोदी के साथ जो हाई-प्रोफाइल बैठक हुई है, उसमें दूसरी लहर में इसकी बेकाबू रफ्तार के मुख्य रूप से 3 कारण बताए गए हैं- कोविड-19 से बचाव के लिए किए जाने वाले उचित बर्ताव में आई कमी, महामारी से थक जाना और रोकथाम के उपायों में आई कमी।
इस बैठक में प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, एंपॉवर्ड ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के चेयरपर्सन, हेल्थ सेक्रेटरी और आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल के अलावा और लोग भी शामिल हुए।
COVID-19 से निपटने के लिए पीएम मोदी की 10 गाइडलाइन
- महामारी के खिलाफ लोगों और समुदायों की भागीदारी सबसे जरूरी
- 5 प्वाइंट फॉर्मूला- टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड से बचाव के अनुकूल बर्ताव और वैक्सीनेशन
- कोविड के मुताबिक व्यवहार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 6 से 14 अप्रैल के बीच विशेषण अभियान
- स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की आवश्यकता
- जो लोग होम आइसोलेशन में हैं, उनके लिए ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करना
- किसी भी परिस्थिति में इससे होने वाली मौतों को रोकना
- केंद्रीय टीम महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ जाकर वहां की हालात की समीक्षा करे
- जहां भी ज्यादा मामले आ रहे हैं, उन सभी राज्यों को पाबंदियां लगाने के लिए तैयार रहना होगा
- ऐक्टिव केस की ट्रेसिंग और कंटेंमेंट जोन के मैनेजमेंट के लिए स्थानीय वॉलेंटियर को शामिल किया जाना
- राज्य और जिलों को मिशन मोड में काम करते रहना होगा
- तीन राज्यों में बेकाबू कोरोना डराने लगा है
आ सकते हैं 1.4 करोड़ से ज्यादा मामले
कोरोना वायरस का मौजूदा ट्रेंड डराने वाला है। बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) के एक अनुमान के मुताबिक जिस तरह से मौजूदा समय में कोरोना के मामले सामने आए रहे हैं।
अगर यह सिलसिला जारी रहा तो मई महीने के अंत तक देश में कोरोन संक्रमितों के संख्या 1.4 करोड़ के पार हो सकती है।इस दौरान केस लोड करीब 3.2 लाख होगा।
देश में बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप
पिछले 14 दिनों में महाराष्ट्र के हालात बद से बदतर होते चले गए हैं। देश के कुल संक्रमण में इसका हिस्सा 57 फीसदी और मौतों में 47 फीसदी तक पहुंच चुका है और रोजाना के संक्रमण के मामले में भी भयावह शक्ल अख्तियार कर चुका है।
कुल संक्रमण के मामले में पंजाब की भागीदारी सिर्फ 4.5 फीसदी है, लेकिन मौतों के मामले में इसकी हिस्सेदारी 16.3 फीसदी है, जो हालात की गंभीरता बयां कर रहा है।