Fake Doctors Arrested: दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश की एक क्लीनिक में सर्जरी के हुई 45 वर्षीय पीड़ित की मौत के मामले (45 Year Old Victim Death Case) में चार फर्जी चिकित्सकों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान फर्जी डॉक्टर नीरज अग्रवाल (Dr Neeraj Aggarwal) और उसकी पत्नी पूजा, जसप्रीत तथा शल्यक्रिया तकनीशियन महेंद्र के रूप में हुई। जांच में आये अपराध तंत्र के खुलासे से लोगों के होश उड़ गए।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि शिकायत में मरने वाले मरीज की सर्जरी की गई थी। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। साल 2022 में भी एक महिला की मौत सर्जरी के बाद हुई थी।
जिसे प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। मृतका के परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि डॉक्टरों ने प्रसव बिना ही सर्जरी कर दी थी।
जांच में पता चला कि घटना संबंधी अग्रवाल मेडिकल सेंटर डॉक्टर नीरज अग्रवाल के आधिपत्य मे है। नीरज पहले सफदरजंग अस्पताल में नौकरी कर चुका है।
कुछ साल काम करने के बाद उसने यह मेडिकल सेंटर खोला जिसमें उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल एक रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थी। इस अस्पताल में ऑपरेशन टेक्नीशियन के तौर पर महेंद्र भी काम करता था। इन तीनों ने इस अस्पताल में डॉक्टर जसप्रीत जो कि एक सर्जन है उसका लेटर हेड रखा था।
इससे पहले गॉल ब्लैडर के मरीजों का बिना डिग्री वाला डॉक्टर ऑपरेशन कर रहा था। एक सप्ताह पहले मरीज की मौत पर मृतक के परिजनों ने नर्सिंग होम में हंगामा पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
लोगों की लापरवाही से ही कई लोगों की ऑपरेशन के बाद जान गई
इस दौरान किसी भी मरीज को ऑपरेशन के लिए विवश किया जाता। प्रस्क्रिप्शन डॉक्टर जसप्रीत के नाम से बनती थी। जबकि, ऑपरेशन टेक्नीशियन Mahendra करता था।
इन लोगों की लापरवाही से ही कई लोगों की ऑपरेशन के बाद जान गई। पुलिस ने फिलहाल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मौके से पुलिस ने हेल्थ सेंटर से काफी मात्रा में प्रतिबंधित दवाइयां, एक्सपायरी सर्जिकल ब्लेड, अलग-अलग पेशेंट के प्रिसक्रिप्शन कई बैंक की 47 चेक बुक, 56 ATM कार्ड समते 6 क्रेडिट कार्ड (Credit Card) मशीन बरामद की हैं।
अब पुलिस इस बात की भी जांच चल रहा है कि सफदरजंग अस्पताल में इलाज करा रहे मरिजों को यहां कैसे रेफर किया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। आने वाले समय और भी कई गिरफ्तारियां हो सकती हैं। साथ ही इन सभी की फेक डिग्री की भी जांच की जा रही है।