लोहरदगा: लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती जंगली-पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सलियों की घेराबंदी को लेकर जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों ने जोरदार अभियान चला रखा है।
डीजीपी नीरज सिन्हा के निर्देश के बाद एसपी प्रियंका मीणा द्वारा तय की गई रणनीति के तहत जिले के अलग-अलग सुदूरवर्ती जंगली इलाकों में सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल के जवानों ने बेहद सतर्कता के साथ अभियान चलाया है।
नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध रूप से पुलिस ठोस कार्रवाई कर रही है।
सतर्कता के साथ जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चल रहा है।
हालांकि इस अभियान में पुलिस को अभी तक कोई बड़ी सफलता तो नहीं मिली है, परंतु पुलिस और सीआरपीएफ जवानों द्वारा अभियान चलाने के बाद नक्सली दुबक गए हैं।
खुफिया तंत्र की मदद से पुलिस की टीम नक्सलियों की टोह लेने में जुटी हुई है।
लोहरदगा-गुमला और लातेहार जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से नक्सलियों की तलाशी अभियान चल रहा है।
लैंडमाइंस विस्फोट की घटना में सैट-3 के एक जवान की मौत के बाद जिला पुलिस बल और सैट, सीआरपीएफ के जवान पूरी तरह से आक्रोशित हैं।
नक्सलियों से दो-दो हाथ करने को लेकर जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के जवानों द्वारा बेहद सतर्कता के साथ अभियान चलाया जा रहा है।
एक प्रकार से लोहरदगा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से चारों ओर से घेराबंदी करते हुए नक्सलियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
वहीं गुमला और लातेहार जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी स्थानीय थाना पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है।
ऐसे में नक्सलियों को छिपने के लिए घने जंगलों का सहारा लेना पड़ रहा है।
सुरक्षाबलों के अभियान ने नक्सलियों को खदेड़ने का काम किया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि लैंडमाइंस जैसे घातक विस्फोटक से बचने के लिए अब सुरक्षा बल के जवान बेहद सतर्क दिखाई दे रहे हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण रूप से एक जवान की मौत के बाद सुरक्षाबलों के लिए नक्सलियों की हर रणनीति को विफल करना अब और भी ज्यादा महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हो चुका है।