रांची: Jharkhand Youth Association और झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (Jharkhand Students Union) के बैनर तले गुरुवार को विधानसभा (Assembly) का घेराव करने आये राज्यभर के छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। छात्रों ने भी पुलिस-प्रशासन (Police Administration) पर पत्थर फेंके।
500 की संख्या में छात्रों का जमावड़ा शहीद मैदान में हुआ
विधानसभा (Assembly) का घेराव करने से पहले 500 की संख्या में छात्रों का जमावड़ा शहीद मैदान (Shaheed Maidan) में हुआ। प्रदर्शनकारी छात्र जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) के पास लगे बैरिकेड को तोड़कर विधानसभा के बगल वाले खेत तक पहुंच गये।
पुलिस प्रशासन ने छात्रों को रोकने की तमाम कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज (Lathicharge) किया। इससे पहले छात्रों ने मंत्री मिथलेश ठाकुर के काफिले पर बोतल फेंकी थी।
झारखंड सरकार ने 60:40 का नियोजन नीति लेकर आयी
हाल में ही झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने 60:40 का नियोजन नीति लेकर आयी है। इसके बाद रोस्टर में कई जिलों से OBC आरक्षण को हटा दिया गया है। इस बात को लेकर विद्यार्थी (Student) नाराज हैं और लगातार सड़कों पर आंदोलनरत हैं।
छात्रों का कहना है कि जिस सरकार ने पांच लाख नियुक्तियां करने की बात कही थी, वह नियोजन नीति तक स्पष्ट नहीं कर सकी है।
सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी, उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया
सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी, उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया। फिर जो नियोजन नीति सामने है, उसमें विसंगतियां हैं। वर्तमान की नियोजन नीति में राज्य के युवाओं के भविष्य की सुनिश्चितता नहीं है।
बीते दो दिनों में जो वेकेंसी निकाली गई है, उसमें भी कई तरह की गड़बड़ियां हैं। राज्य सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर जारी किया है। उसमें भी विसंगतियां हैं।
मुख्यमंत्री हाउस घेराव का लिया था निर्णय
आज के विधानसभा घेराव से पहले 20 मार्च को सीएम हाउस घेराव की रणनीति थी लेकिन सरकार व प्रशासन के आग्रह पर एक दिन पूर्व ही मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) व छात्र नेताओं की सकारात्मक वार्ता से आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था।
इस बीच 20 मार्च को ही जिलावार आरक्षण रोस्टर (District Wise Reservation Roster) व 21 मार्च को सहायक प्रयोगशाला परीक्षा की वैकेंसी निकाल दी गयी। इसमें दिख रही गड़बड़ियों की वजह से राज्य के छात्र आक्रोशित हो गए।
राज्य के विभिन्न जिलों में युवाओं ने 22 मार्च को जिलावार सरकार का पुतला दहन किया। हेमंत सोरेन की सरकार में बनी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021’ (Jharkhand Staff Selection Commission Graduate Level Exam) को 16 दिसंबर, 2022 को झारखंड हाई कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया।
क्या था नियमावली में प्रावधान
राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन संख्या-3849/दिनांक 10.8.2021 के माध्यम से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली-2021 लागू की थी।
इस संशोधित नियमावली में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा।
अभ्यर्थी (Students) को स्थानीय रीति-रिवाज, भाषा व परिवेश की जानकारी रखना अनिवार्य होगा लेकिन झारखंड राज्य के आरक्षण नीति (Reservation Policy) से आच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल कर दिया गया था।
नियमावली में हिंदी व अंग्रेजी को भाषा की सूची से बाहर कर दिया गया था तथा उर्दू को क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया था।