नई दिल्ली: Madhya Pradesh के उज्जैन में एक गजब का मामला (Ujjain Strange Case) सामने आया है। जहां पति पत्नी के बीच विवाद (Husband Wife Dispute) देखने को मिलता है, वहीं उज्जैन में दो पत्नियां आपस में लड़ रही है।
कारण भी यहीं कि दोनों को ही पति के साथ रहना है। दोनों ही पत्नियां पति को छोड़ना नहीं चाहती थीं।
इस पर परामर्श केंद्र ने पति को आदेश दिया कि महीने में 15 दिन उसे पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहना पड़ेगा।
साथ ही उसे यह हिदायत भी दी कि अब उनके बीच कभी कोई भी लड़ाई-झगड़ा (Fighting) नहीं होना चाहिए।
क्या है मामला
घटिया मे रहने वाले एक व्यक्ति का 15 साल पहले बामोरा मे रहने वाली महिला से विवाह हुआ। कुछ समय तक तो पति-पत्नी के बीच सब कुछ ठीक चलता रहा और उन्हें एक लड़का भी हुआ। लेकिन पति-पत्नी के बीच धीरे-धीरे मनमुटाव होने लगा।
बढ़ती लड़ाई न्यायालय (Court) की चौखट तक पहुंची। न्यायालय में इस विवाद को सुलझाने में लगभग 15 साल लग गए, और यह फैसला सुनाया कि युवक को अपनी पत्नी के साथ ही रहना पड़ेगा।
अदालत के फैसले से हुई परेशानी
Court ने तो युवक को पत्नी को साथ रखने के आदेश दे दिए, लेकिन परेशानी यह खड़ी हो गई कि इन 15 साल में युवक एक अन्य महिला से दूसरी शादी कर चुका था, जिससे उसे दो संतान हो चुकी है।
न्यायालय के फैसले के बाद युवक की पहली पत्नी उसके साथ रहने जा पहुंची, जिससे युवक की बसी बसाई गृहस्थी में फिर भूचाल आ गया, क्योंकि दोनों पत्नियां पति के साथ एक साथ रहना नहीं चाहती थीं, जिससे फिर इन लोगों में विवाद हुआ। युवक की पहली पत्नी पति को छोड़कर उज्जैन (Ujjain) अपने मायके आ गई।
परिवार परामर्श केंद्र में दर्ज कराई थी शिकायत
युवक की पहली पत्नी ने महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र में इस बात की शिकायत की थी कि उसे भी अपना अधिकार दिलाया जाए और अपने पति के साथ रहने दिया जाए।
इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र ने युवक और उसकी पहली पत्नी को परामर्श केंद्र में बुलाकर कई बार समझाया, लेकिन जब पहली पत्नी कुछ भी समझने को तैयार नहीं हुई तो पति ने ही परामर्श केंद्र में यह सहमति जताई कि मैं दोनों पत्नियों के साथ रहना चाहता हूं।
इस पर परिवार परामर्श केंद्र द्वारा कई बार Counseling भी की गई। इसके बाद आपसी सहमति से यह निर्णय निकला की पति को 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहने के साथ ही बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी भी दी गई है।
निकला अजीबो गरीब हल
इस पूरे मामले को लेकर जब परिवार परामर्श केंद्र महिला थाने की प्रियंका सिंह परिहार (Priyanka Singh Parihar) से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि पहली पत्नी अपना अधिकार मांग रही थी।
जिस पर हमने कई बार इन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन पहली पत्नी और पति दोनों ही कुछ भी समझने को तैयार नहीं थे।
इसके बाद पति की सहमति पर आखिरी निष्कर्ष यही निकला कि महिला का पति 15 दिन पहली पत्नी और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहे, परामर्श केंद्र (Counseling Center) के इस निर्णय पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है।