Porn Rcket busted in Noida: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम ने नोएडा के एक घर में छापेमारी की, जहां 22 करोड़ रुपये की विदेशी रकम के स्रोत की जांच की जा रही थी। छापेमारी के दौरान टीम को एक शानदार स्टूडियो मिला, जहां मॉडल्स के साथ Nude Video शूट किए जा रहे थे।
इस कार्रवाई ने एक बड़े और गंदे धंधे का पर्दाफाश किया। नोएडा के इस कपल पर आरोप है कि वे विदेशी पोर्न वेबसाइट्स को Porn Video और वेबकैम शो बेचकर करोड़ों रुपये कमा रहे थे।
Social Media के जरिए मॉडल्स को फंसाने का खेल
इस कपल ने Social Media और अन्य वेबसाइट्स पर विज्ञापन देकर मॉडलिंग में करियर बनाने का सपना देखने वाली लड़कियों को निशाना बनाया। विज्ञापनों में मोटी कमाई का लालच देकर लड़कियों को बुलाया जाता था और फिर उन्हें पोर्न कारोबार में धकेल दिया जाता था।
नोएडा में उज्ज्वल किशोर और पत्नी नीलू श्रीवास्तव अपने फ्लैट में मॉडल्स लड़कियों से पोर्न Video शूट करवा रहे थे। ED ने छापा मार दिया। पता चला कि वो आइसलैंड कंट्री साइप्रस की एक कंपनी के लिए काम करते थे। 75% पैसा कपल्स खुद और 25% मॉडल्स को देते थे।
ED को घर में ही एडल्ट वेबकैम… pic.twitter.com/BlKrbeyINK
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) March 29, 2025
ED की जांच में पता चला कि Adult video से होने वाली कमाई का 25% हिस्सा मॉडल्स को दिया जाता था, जबकि बाकी 75% कपल अपने पास रखता था। छापेमारी के दौरान कुछ मॉडल्स वहां शो करती हुई मिलीं, जिनसे ED ने पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए।
सबडिजी वेंचर्स के नाम पर चल रहा था कारोबार
पति-पत्नी ने मिलकर सबडिजी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई थी, जिसके जरिए यह गैरकानूनी कारोबार चल रहा था। कपल ने साइप्रस की कंपनी टेक्नियस लिमिटेड के साथ समझौता किया था, जो एक्सहैम्सटर और स्ट्रिपचैट जैसी पोर्न वेबसाइट्स का संचालन करती है।
नोएडा में देसी पोर्न कंटेंट तैयार कर यह कपल उसे विदेशी वेबसाइट्स को भेजता था, और बदले में उनके अकाउंट में मोटी रकम ट्रांसफर की जाती थी। छापेमारी के दौरान 8 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए।
FEMA उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल
कंपनी दावा करती थी कि वह विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और पब्लिक ओपिनियन पोल जैसे कारोबार में शामिल है, लेकिन ED को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन का शक हुआ।
जांच में खुलासा हुआ कि सबडिजी वेंचर्स और इसके डायरेक्टर्स के अकाउंट्स में विदेश से 15.66 करोड़ रुपये आए थे। इसके अलावा, नीदरलैंड्स में एक अकाउंट का पता चला, जिसमें 7 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इस रकम को इंटरनेशनल डेबिट कार्ड्स के जरिए भारत में नकद निकाला गया।
इस तरह, अब तक 22 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई का पता चल चुका है। ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और FEMA उल्लंघन की गहन जांच कर रही है।