नई दिल्ली: सर्दी का सीजन समाप्त होने के साथ आलू और गोभी समेत सीजन की अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने लगे हैं। वहीं, परवल, खीरा, तोरई और भिंडी के दाम इतने उंचे हैं कि आम उपभोक्ता के बजट के बाहर है।
सर्दी के सीजन में आलू, गोभी, मूली, बैगन, पालक, मटर और टमाटर ही सस्ती सब्जियां थीं जो आम उपभोक्ताओं की पहुंच में थीं।
मगर, मार्च में इन सब्जियों के दाम में वृद्धि का रुख रहा है। यहां तक कि आलू, जिसका इस साल बंपर पैदावार होने का अनुमान है, के दाम में भी बढ़ोतरी होने लगी है।
नोएडा के सब्जी विक्रेता पप्पू कुमार ने बताया कि कि अब जो आलू बाजार में आने लगा है उसमें नमी कम है, इसलिए कारोबारी आलू का भंडारण भी करने लगे हैं, इसलिए दाम में वृद्धि होने लगी है।
वहीं, गोभी, मटर, मूली का अब ऑफ सीजन आ गया है, इसलिए आवक कम होने लगी है।
वहीं, करेला, भिंडी, तोरई और खीरा और परवल की नई फसल की आवक जोर पकड़ने में अभी कम से कम एक महीना लगेगा।
हालांकि, इनकी खुदरा कीमतों में इस महीने 10 से 20 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। वहीं, आलू, गोभी, टमाटर, बैगन समेत सर्दी के सीजन की तमाम सब्जियों के दाम मार्च महीने में अब तक 10-20 रुपये किलो बढ़ गए हैं।
इस साल फरवरी में देश में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसदी दर्ज की गई जोकि पिछले तीन महीने की उंचाई पर है जबकि थोक महंगाई दर फरवरी में 4.17 फीसदी दर्ज की गई जोकि बीते 27 महीने की उंचाई पर है।
खुदरा और थोक महंगाई दरों में वृद्धि की एक बड़ी वजह खाने-पीने की चीजों के दाम में बढ़ोतरी रही है। दाल और खाने के तेल के दाम में बढ़ोतरी पहले से ही जारी है और अब इस महीने सब्जियों के दाम भी बढ़ने लगे हैं।
सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी से आम उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गई है।
सब्जियों के थोक कारोबारी कहते हैं कि दाल महंगी होने से सब्जियों की खपत ज्यादा हो गई है इसलिए गोभी, टमाटर समेत दूसरी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी होने लगी है, जबकि आलू के थोक दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
वहीं, प्याज के दाम घट गए हैं।
ग्रेटर नोएडा निवासी गृहणी प्रीति सिंह कहती है कि नवंबर से लेकर मार्च तक आमतौर पर सब्जियां सस्ती मिलती हैं, लेकिन इस साल पूरे सीजन में गोभी को छोड़कर कोई भी सब्जी सस्ती नहीं हुई और अब आलू-गोभी का भी भाव बढ़ने लगा है जिससे आने वाले दिनों में रसोई का बजट और बिगड़ सकता है।