हैदराबाद: अभिनेता से राजनेता बने प्रकाश राज ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के लिए मंगलवार को होने वाले चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
उन्होंने हैदराबाद के लोगों से विभाजनकारी राजनीति के बजाय सद्भाव के लिए वोट करने की अपील की है।
प्रकाश राज ने एक ट्वीट में कहा, प्रिय हैदराबादियों, आपकी शक्ति आपका अधिकार. और फैसला करने के लिए आपकी अंतरात्मा की आवाज।
क्या आप शांतिपूर्ण हैदराबाद चाहते हैं . हैश टैग जीएचएमसी चुनाव। कृपया सद्भाव के लिए वोट करें. विभाजित राजनीति के लिए नहीं।
मैं टीआरएस के साथ खड़ा हूं। प्रकाश राज ने अपने ट्वीट में हैश टैग केसीआर और हैश टैग केटीआर का भी प्रयोग किया।
प्रकाश राज की इस अपील पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तेलंगाना प्रभारी मणिकम टैगोर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रकाश राज की ओर से तेलंगाना में लोकतंत्र की हत्या करने वालों के लिए वोट मांगते हुए देखना आश्चर्यजनक है।
अपने ट्वीट के साथ टैगोर ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक कथित टीआरएस समर्थक को पैसे के साथ पकड़ा गया है।
कांग्रेस नेता ने प्रकाश राज से पूछा, पिता और पुत्र चंद्रशेखर और रामा राव का एजेंट पैसे और पर्चे के साथ पकड़ा गया है। फिर भी आप चाहते हैं कि वह चुनाव जीतें।
कई तेलुगु फिल्मों में अभिनय कर चुके और कई पुरस्कार जीत चुके अभिनेता प्रकाश राज ने पिछले साल बेंगलुरू सेंट्रल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, मगर उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वह भाजपा के कटु आलोचक रहे हैं। उन्होंने हाल ही में लोकप्रिय तेलुगु अभिनेता और जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण को भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करने और जीएचएमसी चुनावों में भगवा पार्टी का समर्थन करने के लिए गिरगिट कहा था।
एक तेलुगु चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रकाश राज ने पवन कल्याण की बार-बार भाजपा पर अपना रुख बदलने के लिए आलोचना की।
जन सेना प्रमुख ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी जीएचएमसी चुनाव लड़ेगी, लेकिन बाद में भाजपा नेताओं के अनुरोध पर पार्टी ने उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारने का फैसला किया और लोगों से भाजपा को वोट देने की अपील की।
हालांकि पवन कल्याण ने भाजपा के लिए प्रचार नहीं किया।
प्रकाश राज ने याद दिलाते हुए कहा कि पवन कल्याण ने 2014 में भाजपा का समर्थन किया था, लेकिन बाद में विश्वासघात का आरोप लगाकर खुद को पार्टी से दूर कर लिया।
आंध्र प्रदेश में 2019 के चुनावों में करारी हार के बाद, जन सेना ने इस साल की शुरूआत में भाजपा के साथ फिर से गठबंधन किया था।