प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल के परिवार से अलग हुए उनके भतीजे एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया आदि भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे

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पंजाब: Punjab के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को राज्य के मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

पांच बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज अकाली नेता को हजारों शोकाकुल नागरिकों और नेताओं ने अंतिम विदाई दी।

Prakash Singh Badal को उनके बेटे तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने मुखाग्नि दी। पंजाब पुलिस (Punjab Police) की एक टुकड़ी ने इस अवसर पर बंदूक से सलामी दी।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

पार्थिव शरीर बुधवार रात मुक्तसर जिले से बादल गांव लाया गया

बादल का मंगलवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह सांस लेने में समस्या के बाद नौ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे।

बादल का पार्थिव शरीर बुधवार रात मुक्तसर जिले से बादल गांव लाया गया।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

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बृहस्पतिवार को तिरंगे में लिपटे बादल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखा गया और उनके आवास से करीब एक किलोमीटर दूर परिवार के खेत में ले जाया गया।

उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर हाथ जोड़कर खड़े नजर आए।

सुखबीर बादल और उनकी बहन परणीत कौर कैरों अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि दिये जाने से पहले रो पड़े।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

भगवंत मान ने अंतिम संस्कार से पहले बादल को श्रद्धांजलि दी

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अंतिम संस्कार से पहले बादल को श्रद्धांजलि दी।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बादल गांव पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन किये।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, BJP के वरिष्ठ नेता तरुण चुग, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी बादल को श्रद्धांजलि दी।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

बादल के व्यक्तित्व से सब प्रभावित थे- नड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, BJP की पंजाब इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बादल साहब नेता नहीं थे, राजनेता थे। बादल के व्यक्तित्व से सब प्रभावित थे।’’

इससे पहले सुबह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए कतार में खड़े नजर आए।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने

बादल के बेटे सुखबीर बादल, पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल, उनकी दो बेटियां और एक बेटा अकाली नेता के पार्थिव शरीर के पास खड़े थे।

पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल के परिवार से अलग हुए उनके भतीजे एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया आदि भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार Prakash Singh Badal was cremated with full state honors in his native village

बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 के बीच भी मुख्यमंत्री रहे। वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे।

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