रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना (Jharkhand Education Project) ने निर्णय लिया है कि सर्टिफिकेट जांच (Certificate Check) के दौरान जितने भी फर्जी पारा शिक्षक (Para Teachers) पकड़ में आए हैं, उन सबसे अब तक लिए गए मानदेय की वसूली सहायक अध्यापक सेवाशर्त नियमावली 2021 के अनुसार की जाएगी।
उनके खिलाफ FIR भी कराई जाएगी। जिन पारा शिक्षकों (Para Teachers) ने त्याग पत्र दे दिया है, उनके ऐसा करने की भी जांच होगी कि आखिर उन्होंने किस परिस्थिति में ऐसा किया।
JEPC को संदेह है कि उपयुक्त शैक्षणिक प्रमाण पत्रों (Appropriate Educational Certificates) के नहीं होने के कारण ही ऐसे लोगों ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए इस्तीफा दिया है।
प्रारंभ में इन लोगों से उनके एजुकेशनल सर्टिफिकेट (Educational Certificate) मांगे जाएंगे। प्रमाण पत्र नहीं सौंपने या सर्टिफिकेट के गलत होने की स्थिति में ऐसे लोगों से भी अब तक लिए गए मानदेय की वसूली होगी तथा वैधानिक कार्रवाई के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
JEPC की राज्य परियोजना निदेशक (SPD) किरण कुमारी पासी ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों, सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इस बारे में जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
वसूली के साथ-साथ होगी कार्रवाई
राज्य परियोजना निदेशक SPD ने निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के लंबे समय से अनुपस्थित रहनेवाले सहायक अध्यापकों पर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करें।
वैसे सहायक अध्यापक जिनका प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है, उन पर झारखंड सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2021 (Jharkhand Assistant Teacher Service Condition Rules 2021) की कंडिका 7 (4) के अनुसार मानदेय की वसूली के साथ-साथ यथोचित वैधानिक कार्रवाई (Legal Action) की जाए।
किरण कुमारी पासी ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी 2023 तक राज्य परियोजना कार्यालय को प्रतिवेदन अवश्य दें।
सत्यापन की तिथि को एक माह तक बढ़ा कर इसे 31 जनवरी किया गया
किरण कुमारी पासी ने बताया कि शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सहायक अध्यापकों के लिए होने वाली आकलन परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदन (Application) भरने की तिथि 10 फरवरी तक बढ़ा दी है।
पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों (Academic Certificates) की जांच के लिए 31 दिसंबर तक की तिथि निर्धारित थी, परंतु अब भी करीब 14 प्रतिशत पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच विभिन्न विश्वविद्यालयों या बोर्ड में लंबित है। सत्यापन की तिथि को एक माह तक बढ़ा कर इसे 31 जनवरी किया गया है।
इन्हें जनवरी से मानदेय नहीं
राज्य परियोजना निदेशक SPD किरण पासी ने निर्देश दिया है कि जिन सहायक अध्यापकों ने एजुकेशनल सर्टिफिकेट जमा नहीं किया है, उन्हें जनवरी से मानदेय नहीं दिया जाए।
उनके मानदेय (Honorarium) पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा है कि ऐसे लोगों को सेवा मुक्त करने की कार्रवाई की जाए।