जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने के बेटे वैभव गेहलोत की अब एक बार फिर से लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है। इस बार मौका है चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव का।
इससे पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर सीट से राजनीति में लॉन्च करने की कोशिश की थी।
बीजेपी के दिग्गज गजेंद्र शेखावत ने गहलोत का ये सपना पूरा नहीं होने दिया।
शेखावत के सामने वैभव गहलोत को करारी हार का सामाना करना पड़ा था।
अब दोबारा राजसमंद सीट से कांग्रेस से वैभव गहलोत का नाम चर्चा में है।
चर्चा की वजह है गहलोत मंत्रीमंडल के तीन मंत्री शांति धारीवाल, रघु शर्मा और उदयलाल आंजना।
गहलोत कैबिनेट के तीन मंत्री राजमंसद पहुंचे और घोषणाओं का अंबार लगा दी।
वैभव गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौ़ड़ भी दौरे में शामिल थे।
खुद वैभव गहलोत पिछले कुछ दिनों में कई बार राजसमंद का दौरा कर चुके हैं।
मालूम हो कि बीजेपी विधायक किरण माहेश्वरी की कोरोना से मौत की वजह से ये सीट खाली हुई है।
राजसमंद से वैभव गहलोत का रिश्ता ये है कि वे राजसमंद क्रिकेट संघ के जरिये ही राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने।
राजसमद के जिला क्रिकेट संघ में वैभव गहलोत को पदाधिकारी बनाने का काम विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का था और फिर वैभव गहलोत का आरसीए का अध्यक्ष बनाने में भी अहम रोल सीपी जोशी का था।
एक बार फिर सीपी जोशी ही वैभव गहलोत को राजसमंद से चुनाव लड़वाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मना रहे हैं। गहलोत जीत के समीरकऱण तलाश रहे है।
अगर जोशी से जीत की गांरटी मिली तो वैभव गहलोत का राजमंसद से विधानसभा उपचुनाव लड़ना तय है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के दौरान भी वैभव गहलोत को आगे करके गहलोत ने वैभव को हरी झंडी दिलाने की कोशिश की। वैसे राजसंद सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है। तीन बार किरण माहश्वरी चुनाव जीती।
कांग्रेस हर बार राजपूत समुदाय से प्रत्याशी उतारती आई है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नजर इस सीट पर 26 हजार दलित और 10 हजार मुस्लिम वोट पर है।
ओबीसी भी 38 हजार मतदाता है। चर्चा है कि बीजेपी से किरण माहेश्वरी की बेटी को टिकट मिल सकता है।