Homeझारखंडराष्ट्रपति 25 नवम्बर को गुजरात के केवड़िया में करेंगे पीठासीन अधिकारी सम्मेलन...

राष्ट्रपति 25 नवम्बर को गुजरात के केवड़िया में करेंगे पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का उद्घाटन

Published on

spot_img

नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि संविधान लागू होने की 71वीं वर्षगांठ पर गुजरात के केवडिया में 25-26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाएगा।

इसके साथ ही पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का भी शताब्दी वर्ष है।

इस बार सम्मेलन का विषय “सशक्त लोकतंत्र के लिए कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच समन्वय” विषय पर चर्चा की जाएगा।

जिसका उद्धाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे।

संसद भवन परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिरला ने कहा दो दिवसीय सम्मेलन में पहले दिन 25 नवम्बर को राष्ट्रपति कोविंद उद्धाटन सत्र को संबोधित करेंगे।

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करेंगे।

इस दौरान गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी एवं सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारी इस सम्मेलन में शामिल होंगे ।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 26 नवंबर को सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगे।

बिरला ने बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की शुरुआत सन 1921 में हुई थी और तब से ही इस सम्मेलन के माध्यम से लोकतान्त्रिक प्रणाली को मजबूत करने तथा भारत के विधानमंडलों में एकता और अखंडता की भावना को बढ़ावा देने के अनवरत प्रयास किए जा रहे हैं ।

उन्होंने आगे कहा कि यह वर्ष इस सम्मेलन का शताब्दी वर्ष है। 14-15 सितंबर 2020 से 14-15 सितंबर 2021 को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

इस सम्मेलन से भारत में सभी पीठासीन अधिकारियों को नए विचारों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच मिलता है।

श्री बिरला ने बताया कि हमारे सम्माननीय विधिनिर्माताओं के सामूहिक प्रयासों से बदलते समय के साथ विधानमंडलों में भी बदलाव लाने में मदद मिली है ।

इन सम्मेलनों के सत्रों के दौरान हुए विचार विमर्श के फलस्वरूप संसदीय लोकतंत्र में नई प्रथाओं की शुरुआत हुई है ।

इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है ‘सशक्त लोकतंत्र हेतु विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका का आदर्श समन्वय।

इस सम्मेलन के दौरान विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी लोकतंत्र के तीन स्तंभों के बीच बेहतर सहयोग और समन्वय की आवश्यकता पर चर्चा करेंगे।

यह हमारे संवैधानिक दायित्वों का ही हिस्सा है ।

हमारी संवैधानिक व्यवस्था में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र और उनके बीच संतुलन रखने हेतु प्रावधान स्पष्ट रूप से दिए गए हैं।

संवैधानिक संतुलन बनाये रखना हमारा सामूहिक दायित्व है तथा शासन प्रणाली के तीनों अंगों के बीच सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व बनाए रखने और देश में लोकतंत्र के विकास के लिए यह आवश्यक भी है।

बिरला ने बताया कि संविधान दिवस के अवसर पर, इस सम्मेलन में सभी प्रतिनिधि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के संविधान में दी गई प्रस्तावना को पढ़ेंगे। 26 नवम्बर 2020 को आयोजित किए जा रहे समापन समारोह में एक संकल्प पारित किया जाएगा।

सम्मेलन के दौरान संविधान दिवस पर एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।

spot_img

Latest articles

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...

मर्डर केस में तीन शूटर गिरफ्तार

Jamshedpur Crime News: रत्ननगर रोड हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन शातिर अपराधी...

खबरें और भी हैं...

इरफान अंसारी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दिए निर्देश

Chaibasa News: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने गुरुवार को चाईबासा जिले...

झारखंड में मोंथा तूफान का असर, बारिश से बढ़ी ठंड, कई जिलों में येलो अलर्ट जारी

Cyclonic Storm Montha: चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से झारखंड के विभिन्न जिलों में...

छात्रा ने स्वर्णरेखा नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान

Jamshedpur News: सोनारी थाना क्षेत्र के निर्मल नगर में गुरुवार सुबह कस्तूरबा गांधी आवासीय...