नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना महामारी से उपजी परिस्थितियों को लेकर चर्चा की। यह राज्य महामारी की विभीषिका से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
कोरोना महामारी धीरे-धीरे छोटे शहरों को भी अपनी चपेट में ले रही है। इस ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से साथ मिलकर एक रणनीति पर काम करने की पहली लहर के दौरान अपनाई गई नीति को फिर से अपनाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने राज्यों को पूर्ण मदद देने का आश्वासन दिया और कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय समन्वय बनाते हुए परिस्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और समय-समय पर जरूरी परामर्श राज्यों को दे रहा है।
ऑक्सीजन आपूर्ति के मुद्दे पर राज्य से मिले फीडबैक पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को आशान्वित किया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति को जारी रखने के प्रयास जारी हैं।
इस संबंध में सभी संबंधित विभाग और मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन को तुरंत मेडिकल उपयोग के लिए भेजा जा रहा है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन से जुड़े विषयों को लेकर भी राज्यों के साथ चर्चा की। एक तरफ उन्होंने राज्यों से इसकी कालाबाजारी पर रोक लगाने को कहा।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने केंद्र से मिलने वाली ऑक्सीजन को त्वरित अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए समन्वय समिति बनाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने गुरुवार को ऑक्सीजन उत्पादन में बढ़ोतरी के मुद्दे पर बैठक भी की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है, दूसरी ओर कार्य को गति देने के लिए एयर फोर्स ऑक्सीजन के खाली सिलेंडरों को उत्पादन स्थल तक पहुंचा रहे हैं।
बैठक में प्रधानमंत्री ने जांच पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि संसाधनों को बढ़ाने के साथ-साथ व्यापक तौर पर जांच होनी चाहिए ताकि लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
वैक्सीनेशन कार्यक्रम की गति को लेकर मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से टीकाकरण कार्यक्रम चला रहा है।
1 मई से 18 से ऊपर वालों को भी टीका लगाया जाएगा। राज्यों से अनुरोध है कि वह मिशन मोड पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाएं।
अस्पतालों में हो रहे हादसों पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री ने इनकी सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के प्रशासनिक कर्मियों को सुरक्षा मानदंडों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
दवाओं की कालाबाजारी पर रोक लगाने के साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्य से कहा कि वह लोगों को घबराहट में खरीदारी करने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
बैठक में पहले डॉ. वीके पॉल ने कोविड पर एक प्रस्तुति दी। इसमें संक्रमणों के नए उछाल का मुकाबला करने के लिए की जा रही तैयारियों पर प्रकाश डाला गया।
डॉ. पॉल ने चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने और रोगियों के लक्षित उपचार के लिए रोडमैप भी प्रस्तुत किया।
उन्होंने सभी को चिकित्सा बुनियादी ढांचे, आपूर्ति बढ़ाने, नैदानिक प्रबंधन, कंटेनमेंट, टीकाकरण और सामुदायिक सहभागिता के बारे में जानकारी दी।
राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने वर्तमान लहर में संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम द्वारा दिए गए निर्देश और एनआईटीआई द्वारा प्रस्तुत किए गए रोड मैप से उन्हें बेहतर तरीके से अपनी प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।