वाराणसी: देव दीपावली पर्व पर सोमवार की शाम गंगा की लहरों में अलकनंदा क्रूज पर सवार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तरवाहिनी गंगा में देवलोक सरीखा नजारा देख आह्लादित नजर आये।
राजघाट से रविदासघाट के बीच लगभग आठ किलोमीटर के दायरे में गंगा के दोनों तटों पर जले 11 लाख से अधिक दीयों की रोशनी में कलकल करती गंगा के किनारे समानान्तर प्रवाहित ज्योर्तिगंगा का एहसास कर प्रधानमंत्री इस अद्भभुत और आध्यात्मिक छटा के गवाह भी बने।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राजघाट से ही कू्ज पर सवार प्रधानमंत्री गंगधार के किनारे तटों पर लाखों-लाख दीपों की लड़ियों को एक साथ अठखेलियां करते देखते रहे।
गंगा के किनारे जमीं पर सितारे उतरने का नजारा प्रधानमंत्री को दिखाने के लिए क्रूज भी धीमी गति से आगे बढ़ता रहा।
इस दौरान दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि और शीतलाघाट पर गंगोत्री सेवा समिति के अगुवाई में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा की महाआरती और रिद्धि-सिद्धि के रूप में 42 कन्याओं को मां गंगा को चंवर डुलाते देख प्रधानमंत्री आध्यात्मिक अंदाज में दिखे।
इसके पहले उन्होंने राजघाट पर बने फूलों से सजे जेटी पर पहला दीप जलाकर देव दीपावली उत्सव का शुभारंभ किया। यहीं, प्रधानमंत्री ने पर्यटन विभाग के वेबसाइट ‘पावन पथ’ को भी लोकार्पित किया।
इसके बाद क्रूज पर सवार होकर प्रधानमंत्री मोदी गंगधार में देव दीपावली की अद्धभुत छटा निहारने निकले।
पूर्णिमा की चांद की रोशनी में भूतभावन की प्रेयसी गंगा का स्वरूप और उनके गले में ज्योर्तिमालाओं की लड़ियां को प्रधानमंत्री अपलक देखते रहे। पंचगंगा घाट पर प्रधानमंत्री ने ‘हजारा दीप स्तंभ’ भी देखा।
गंगा में धीरे-धीरे क्रूज चेतसिंह किलाघाट पर पहुंच कर ठहर गया। यहां प्रधानमंत्री ने लगभग दस मिनट का खास लेजर शो भी देखा।
खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री के गंगा में नौकायन के दौरान गंगा किनारे विभिन्न घाटों पर खड़े लोग मोबाइल का टार्च जलाकर हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से उनका स्वागत भी करते रहे।
प्रधानमंत्री नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं उत्साह देख क्रूज से ही हाथ जोड़ कर विनम्रता से अभिवादन करते रहे।
प्रधानमंत्री को भव्यतम देव दीपावली का नजारा दिखाने के लिए 35 घाटों पर आकर्षक दीपोत्सव के साथ सांस्कृतिक लोकसंगीत कार्यक्रम के साथ गंगा पार रेत पर सैंड आर्ट भी बनाया गया था।
राजघाट पर जैसे ही प्रधानमंत्री ने पर्व पर पहला दिया जलाया। इसके बाद गंगा घाटों, किनारे के भवनों पर आकर्षक विद्युत झालरों की संतरंगी रौशनी में लाखों लाख हाथों ने दिये जला घाटों पर देवलोक का नजारा बना दिया। गंगा के साथ आकाशगंगा के मिलन की घड़ी और प्रधानमंत्री का अभिवादन करने के लिए लोग दिन के तीसरे पहर से ही घाटों पर पहुंच गये थे। गंगा में दीपोत्सव का नजारा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविदास घाट पर संत रविदास के मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित कर पर्व पर सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश दिया।